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Onam 2023: प्रधानमंत्री मोदी ने दी ओणम की शुभकामनाएं, जानिए 10 दिनों तक क्यों मनाया जाता है यह त्योहार

केरल का त्योहार ओणम चिंगम मास में भगवान वामन की जयन्ती और राजा बलि के स्वागत में हर साल मनाया जाता है। ये त्योहार दस दिनों तक चलता है और इसकी शुरुआत केरल के एक मात्र वामन मन्दिर से होती है। ओणम त्योहार के अवसर में 10 दिनों तक घरों की फूलों ओर रंगोली से सजावट की जाती हैं। इन दिनों भगवान विष्णु और महाबली की पूजा की जाती है।

By AgencyEdited By: Nidhi AvinashUpdated: Tue, 29 Aug 2023 10:49 AM (IST)
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प्रधानमंत्री मोदी ने दी ओणम की शुभकामनाएं (Image: ANI)
नई दिल्ली, एजेंसी। Onam Festival 2023: केरल में फसल और राजा महाबली की घर वापसी से जुड़े त्योहार ओणम को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को शुभकामनाएं दीं है।

पीएम मोदी ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ओणम की शुभकामनाएं देते हुए लिखा, 'सभी को ओणम की शुभकामनाएं! आपके जीवन में अच्छे स्वास्थ्य, अद्वितीय आनंद और अपार समृद्धि की वर्षा हो। पिछले कई वर्षों में, ओणम एक वैश्विक त्योहार बन गया है और यह केरल की जीवंत संस्कृति को खूबसूरती से प्रदर्शित करता है।'

राष्ट्रपति मुर्मू ने भी दी शुभकामनाएं

राष्ट्रपति मुर्मू ने भी नागरिकों को ओणम की बधाई दी और कहा, 'इस शुभ अवसर पर हम अनगिनत उपहारों के लिए प्रकृति मां के प्रति अपना आभार व्यक्त करते हैं। मेरी कामना है कि फसल का यह त्योहार सभी के बीच समृद्धि और सद्भाव की भावना लेकर आए।'

ओणम का त्योहार कहां मनाया जाता है?

केरल का त्योहार ओणम चिंगम (सिंघम) मास में भगवान वामन की जयन्ती और राजा बलि के स्वागत में हर साल मनाया जाता है। ये त्योहार दस दिनों तक चलता है और इसकी शुरुआत केरल के एक मात्र वामन मन्दिर से होती है।

ओणम में किसकी पूजा की जाती है?

ओणम त्योहार के अवसर में 10 दिनों तक घरों की फूलों ओर रंगोली से सजावट की जाती हैं। इन दिनों भगवान विष्णु और महाबली की पूजा की जाती है। इसके अलावा नई फसल की खुशी में भी इस पर्व को मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ओणम त्योहार 10 दिनों तक इसलिए मनाया जाता है क्योंकि राजा महाबली अपनी प्रजा से मिलने आते हैं और उनकी आने की खुशी में हर साल इसे 10 दिनों तक पूरे धूमधाम से मनाया जाता है।

क्या कहता है इतिहास?

पौराणिक कथा के अनुसार, दैत्य राजा महाबली का एक समय केरल में शासन था। देवताओं ने उन्हें पाताल लोक में भेजने के लिए भगवान विष्णु से मदद मांगी थी, लेकिन नीचे जाने से पहले, महाबली ने भगवान विष्णु से हर साल अपनी प्रजा से मिलने का वरदान प्राप्त किया, जिसे ओणम के रूप में मनाया जाता है।