असम में 1.59 लाख से अधिक लोग विदेशी घोषित, सीएम सरमा बोले- 97 हजार लोगों की संदिग्ध मतदाता के रूप में हुई पहचान
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में 1.59 लाख से अधिक लोगों को अब तक विदेशी घोषित किया जा चुका है। यही नहीं लगभग 97 हजार लोगों की संदिग्ध मतदाता के रूप में पहचान की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संदिग्ध मतदाताओं की नागरिकता के मुद्दे से निपटने वाले 100 विदेशी (नागरिक) अधिकरण वर्तमान में संचालित हो रहे हैं।
पीटीआई, गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि राज्य में 1.59 लाख से अधिक लोगों को अब तक विदेशी घोषित किया जा चुका है। यही नहीं, लगभग 97 हजार लोगों की संदिग्ध मतदाता के रूप में पहचान की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में संदिग्ध मतदाताओं की नागरिकता के मुद्दे से निपटने वाले 100 विदेशी (नागरिक) अधिकरण वर्तमान में संचालित हो रहे हैं। वह विधानसभा में विपक्षी एआइयूडीएफ के विधायक अमीनुल इस्लाम के एक सवाल का जवाब दे रहे थे।
1,59,353 लोगों को किया गया विदेशी घोषित
उन्होंने कहा कि इन अधिकरणों ने 31 दिसंबर 2023 तक 1,59,353 लोगों को विदेशी घोषित किया है। अधिकरण ने विगत वर्ष के अंत तक 3,37,186 मामलों का निपटारा किया है। जबकि, 96,149 मामले विभिन्न अधिकरणों में लंबित हैं। कांग्रेस विधायक शरमन अली अहमद के एक सवाल का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आंकड़ों के अनुसार, अभी राज्य में 96,987 संदिग्ध मतदाता हैं। 41,275 संदिग्ध मतदाताओं को विदेशी (नागरिक) अधिकरण का नोटिस मिलना अभी बाकी है।आईएनएस के अनुसार, सरमा ने कहा है कि राज्य सरकार बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाने और राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए एक मजबूत कानून लाने की योजना बना रही है।
असम में आज तक कोई फर्जी मुठभेड़ नहीं गुवाहाटी
असम के संसदीय कार्य मंत्री पीयूष हजारिका ने दावा किया कि राज्य में आज तक कोई फर्जी मुठभेड़ नहीं हुई है। हालांकि, हिरासत में मौत के कई मामलों की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए गए हैं। वह विधानसभा में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की ओर से निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई के सवाल का जवाब दे रहे थे।34 आरोपितों की पुलिस हिरासत में हुई मौत
उन्होंने बताया कि 10 मई 2012 से 31 जनवरी 2024 के बीच 34 आरोपितों की पुलिस हिरासत में मौत हो चुकी है। 131 आरोपित हिरासत में घायल हो चुके हैं। हिरासत में मौत या घायल होने के हर मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। हालांकि, प्रत्येक मामले में मजिस्ट्रियल जांच के आदेश नहीं दिए गए।एआइयूडीएफ विधायक रफीकुल इस्लाम के सवाल के जवाब में बताया कि 2021 से 2023 के बीच बच्चों से यौन शोषण में पाक्सो अधिनियम के तहत छह हजार से अधिक मामले दर्ज किए गए। इनमें से 1926 वर्ष 2021 में, 1703 वर्ष 2022 में और 2425 मामले वर्ष 2023 में दर्ज किए गए।
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