शहनाई के उस्ताद बिस्मिल्लाह खान ने जब बंद कर दी थी मौलवी की बोलती
शहनाई को अपने दम पर फलक तक पहुंचाने के लिए जिस शख्स को आज भी याद किया जाता है उसका नाम है उस्ताद बिस्मिल्लाह खान।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। शहनाई को अपने दम पर फलक तक पहुंचाने के लिए जिस शख्स को आज भी याद किया जाता है उसका नाम है उस्ताद बिस्मिल्लाह खान। वह आज भले ही न हों लेकिन आज भी जब 26 जनवरी या 15 अगस्त के अवसर पर टीवी पर दिखाई देने वाले वाले कार्यक्रम की शुरुआत उन्हीं की शहनाई से होती है। बिस्मिल्लाह खान सिर्फ एक शख्स नहीं थे बल्कि संगीत का पूरा विकिपीडिया थे। संगीत उनकी रग-रग में बसता था। बनारस और गंगा से उनका रिश्ता मां-बेटे का था। यदि उन्होंने किसी की तारीफ कर दी तो मानों उसकी कोई बिसात नहीं है। उसके बराबर फिर कोई दूसरा नहीं हो सकता है। यही वजह थी कि उनके पूरे जीवन काल में दो ही लोगों को उन्होंने इस काबिल समझा था, इनमें से एक थीं बेगम अख्तर और दूसरी हैं लता मंगेश्कर। वह कहते थे कि लता के गायन में वह अकसर खामियां तलाशने के लिए सुनते थे, लेकिन कोई खामी कभी नहीं मिली। उन्होंने जब गाया मन से और सुर से गाया। आज उन्हीं बिस्मिल्लाह खान का जन्मदिन है। 21 मार्च 1916 को बिहार के डूमरू गांव में उनका जन्म हुआ था। उनके जन्मदिन के मौके पर गूगल ने भी उनका डूडल बनाकर उन्हें याद किया है।
बेगम अख्तर और लता की खास जगह
वहीं बेगम अख्तर का जिक्र करते उन्होंने एक बार एक इंटरव्यू में कहा था एक दिन वह और उनकी बेगम सोए हुए थे और आधी रात के करीब कहीं बेगम अख्तर की गजल बज रही थी। दीवाना बनाना है दीवाना बना दे, वरना कहीं तकदीर तमाशा न बना दे। इसको सुनकर उनकी नींद खुल गई और वो बैठ कर भई वाह-भई वाह करने लगे। इस पर उनकी बेगम नाराज हो गईं और कहने लगीं पागल हो गए हो क्या, रात में क्या भई-वाह, भई वाह कर रहे हो। सोते क्यों नहीं। इस पर खान साहब गुस्सा हो गए और अपनी बेगम को कहा तुम गंवार हो फूहड़ हो, तुम सो जाओ। अगले दिन उन्होंने अपनी बेगम को भई वाह के पीछे की वजह सुनाई। उनके जीवन से जुड़ा सिर्फ एक यही वाकया नहीं है बल्कि कई ऐसे किस्से हैं जो उनके जीवन में संगीत का महत्व समझाने के लिए काफी हैं।
बनारस से गहरा नाता
बनारस से उनका हमेशा से ही गहरा नाता रहा था। बेहद कम लोग इस बात को जानते होंगे कि बिस्मिल्लाह खान साहब के नाना और नानी भी संगीत जानते थे। उनका कहना था कि बनारस की हवा में ही संगीत घुला है। बाला जी और मंगला गौरी मंदिर के बारे में उन्होंने एक बार बताया था कि वहां पर यदि पानी भी डाल दिया जाए तो उसमें भी सुर सुनाई देता है। लेकिन इसको हर कोई नहीं पहचान पाता है। यहां पर उनके एक वाकये का जिक्र करना भी जरूरी होगा। बिस्मिल्लाह खान उन लोगों में से थे जो धर्म में विश्वास नहीं रखते थे। क्या हिंदु और मुसलमान, उनके लिए दोनों में कोई फर्क नहीं था। यही वजह थी कि जो लोग उनमें फर्क करते थे वह उन्हें पसंद नहीं करते थे।
मौलवी की बोलती कर दी बंद
एक बार इराक के एक मौलवी से उनकी संगीत पर बहस हो गई थी। मौलवी का कहना था कि संगीत इस्लाम में हराम है और ऐसा काम बिस्मिल्लाह करते हैं। इस पर बिस्मिल्लाह के जवाब के आगे उनकी बोलती बंद हो गई। दरअसल, बिस्मिल्लाह ने मौलवी के जवाब में कुछ गुनगुनाया और पूछा कि क्या अल्लाह का नाम लेना गलत है। इस पर मौलवी को जवाब देते न बना और उनकी जुबान वहां बंद हो गई। हालांकि जो उन्होंने गुनगुनाया वह राग भैरवी में था लेकिन इसमें उन्होंने अल्लाह को याद किया था। बिस्मिल्लाह बनारस की पहचान थे और आज भी हैं। बनारस की तंग गलियां उन्हें हमेशा पसंद रहीं। बिस्मिल्लाह संगीत को लेकर इतने गंभीर थे कि पैसे के लिए गाना या बजाना पसंद ही नहीं करते थे।
बिना पैसे के भी प्रोग्राम से परहेज नहीं
एक बार एक इंटरव्यू में उनहोंने बताया था कि वह कई बार उन जगहों पर भी शहनाई बजाकर आए जहां से एक रुपया भी नहीं मिलता था लेकिन उन लोगों का प्यार उनको वहां पर खींच ले जाता था। वर्ष 2001 में भारत सरकार ने उन्हें भारत रत्न से नवाजा था। उस वक्त खुद लता मंगेश्कर ने उन्हें फोन कर बधाई दी थी। एक बार बिस्मिल्लाह खान ने लंदन में लाइव कसंर्ट किया तो वहां पर उनका स्वागत उस्ताद बिलायत खां साहब ने किया था। तब उनहोंने अपनी छोटी सी स्पीच में कहा था कि वह वर्षों बाद एक दूसरे से मिले हैं। इस दिन का उन्हें वर्षों से इंतजार था।
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गूंज उठी शहनाई में दिया था संगीत
उन्होंने कहा था कि यह दिन न सिर्फ उनके लिए बल्कि वहां मौजूद सभी श्रोताओं के लिए बेहद खास है क्योंकि बिस्मिललाह खान यहां पर मौजूद हैं। बिस्मिल्लाह खान ने गूंज उठी शहनाई के लिए भी संगीत दिया था। लेकिन उस वक्त वह इतने नाराज हुए कि फिर उन्होंने दूसरी फिल्म में संगीत नहीं दिया। वह अकसर कहते थे दुनिया की दौलत एक तरफ और संगीत एक तरफ फिर भी वह भारी ही होगा। पैसे से संगीत को नहीं तोला जा सकता है।
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