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NAFED: प्याज को मिला नेफेड का सहारा, देशभर में 40 क्रय केंद्र बनाए; इस वर्ष 318 लाख टन उत्पादन का अनुमान

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने प्याज का ज्यादा उत्पादन का अनुमान लगाया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 316 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था जो इस बार बढ़कर 318 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है।

By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Thu, 09 Mar 2023 09:20 PM (IST)
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NAFED: प्याज को मिला नेफेड का सहारा, देशभर में 40 क्रय केंद्र बनाए
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। किसान प्याज लेकर मंडी-मंडी घूम रहे हैं। उन्हें खरीदार नहीं मिल रहा है, लेकिन महानगरों में 20 से 25 रुपये किलो की दर से लोग प्याज खरीद रहे हैं। इस असमान दर को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन संघ (नेफेड) को तत्काल कदम उठाने का निर्देश दिया है।

देशभर में नेफेड ने बनाए 40 क्रय केंद्र

सरकार की इस पहल से प्याज के मूल्यों और बाजार में स्थिरता आएगी। किसानों को भी राहत मिलेगी। निर्देश मिलते ही नेफेड ने देशभर में 40 क्रय केंद्र बनाकर प्याज की खरीदारी करना शुरू कर दिया है। इन केंद्रों के माध्यम से किसान अपना स्टॉक बेच सकते हैं। मूल्य का भुगतान ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।

प्याज के उत्पादन में इन राज्यों की भागीदारी

किसानों के स्टॉक को खरीद केंद्रों से कोलकाता, दिल्ली, गुवाहाटी, भुवनेश्वर, बेंगलुरु, चेन्नई, हैदराबाद और कोच्चि ले जाने की व्यवस्था की है। देश में प्याज के कुल उत्पादन का लगभग 43 प्रतिशत हिस्सा अकेले महाराष्ट्र उपजाता है। मध्य प्रदेश की 16 प्रतिशत भागीदारी है। इसके बाद कर्नाटक और गुजरात का स्थान आता है।

318 लाख टन प्याज उत्पादन का अनुमान

कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने प्याज का ज्यादा उत्पादन का अनुमान लगाया है। वित्तीय वर्ष 2021-22 में 316 लाख टन प्याज का उत्पादन हुआ था, जो इस बार बढ़कर 318 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है।

कृषि विशेषज्ञों का मानना है कि इस बार महाराष्ट्र एवं मध्य प्रदेश के अतिरिक्त अन्य राज्यों में भी प्याज की अच्छी उपज हुई है। इसके चलते अन्य राज्यों से मांग कम हुई है। इसका सीधा असर महाराष्ट्र के नासिक समेत प्याज की अन्य मंडियों पर पड़ी है, जहां किसानों को खरीदार नहीं मिल रहे हैं।

विपरीत समय के लिए बफर स्टॉक भी होगा

बफर स्टॉक को भी बढ़ाया जाएगा, ताकि सामान्य दिनों में प्याज की कीमतों में अचानक बढ़ोत्तरी को रोका जा सके। देश में अभी प्याज की कहीं कमी, तो कहीं अधिकता है। इस अंतर को पाटने के लिए नेफेड ऐसी व्यवस्था करने जा रहा है कि किसानों से खरीदने के बाद उसे देशभर के प्रमुख खपत केंद्रों तक भेजकर समय पर बिक्री की जा सके।

पिछले वर्ष नेफेड ने बफर स्टॉक के लिए दो लाख टन प्याज खरीदा था। बाद में जब बाजार भाव चढ़ने लगा, तो इस तरह आपूर्ति की गई कि मूल्य नियंत्रित रहा। उपभोक्ता कार्य विभाग ने बफर स्टॉक के लिए इस बार 50,000 टन ज्यादा खरीदारी का लक्ष्य रखा है।

दस दिनों में 4,000 टन की खरीदारी

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के अनुसार, प्याज की गिरती कीमतों को थामने के लिए नेफेड अपने स्तर से भी खरीदारी कर रहा है। पिछले दस दिनों में उसने 900 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 4,000 टन लाल प्याज की खरीदारी की है। हालांकि, कई राज्यों में नेफेड के जरिए अभी तक प्याज खरीद की शुरुआत नहीं हुई है।

प्याज की सर्वाधिक उपज रबी मौसम में होती है, जिसे लंबे समय तक सुरक्षित भी रखा जा सकता है। खरीफ एवं पिछात फसल संग्रह के लायक नहीं होती। भंडारण की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने के कारण गोदाम में ही खराब होने लगती है या खराब मौसम के चलते फसल नष्ट हो जाती है।