आज से 25 रुपये प्रति किलो की रियायती दर पर मिलेगी प्याज, सरकार के पास कितना स्टॉक मौजूद?
Onion Price देशभर में टमाटर के दामों के बढ़ोतरी के बाद अब प्याज के दामों में भी तेजी देखने को मिल सकती है। अगस्त के अंत या फिर सितंबर महीने की शुरुआत में प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिलेगी। लोगों को महंगाई का झटका धीरे से लगे इससे लिए भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ 21 अगस्त से खुदरा दुकानों पर सस्ते दाम पर प्याज बेचना शुरू करेगा।
ऑनलाइन डेस्क। देशभर में टमाटर के दामों के बढ़ोतरीर के बाद अब प्याज के दामों में भी तेजी देखने को मिल सकती है। अगस्त महीने के अंत या फिर सितंबर महीने की शुरुआत में प्याज की कीमतों में तेजी देखने को मिलेगी लोगों को महंगाई का झटका धीरे से लगे इससे लिए भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ 21 अगस्त (सोमवार) से खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के जरिए 25 रुपये प्रति किलो के रेट से प्याज बेचना शुरू करेगा।
भारतीय राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ का ये कदम केंद्र सरकार द्वारा प्याज पर 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने के एक दिन बाद आया है। इसके पीछे का मकसद देश में प्जाय की कीमतों को नहीं बढ़ने देना है। सरकार ने कहा, "अधिसूचना तत्काल प्रभाव से लागू होगी और 31 दिसंबर, 2023 तक लागू रहेगी।"
प्याज का बफर स्टॉक 3 LMT
सरकार के पास फिलहाल प्याज का बफर स्टॉक 3 LMT (लाख मीट्रिक टन) है, जिसके लिए केंद्र ने फैसला किया है कि इसे बढ़ाकर 5 LMT किया जाएगा। इसने NCCF और NAFED को प्रमुख उपभोग क्षेत्रों में खरीदे गए स्टॉक के कैलिब्रेटेड निपटान के साथ-साथ अतिरिक्त खरीद लक्ष्य हासिल करने के लिए 1 LMT प्याज खरीदने का भी निर्देश दिया है।
सरकार ने क्या कहा?
सरकार की तरफ से कहा गया, "आने वाले दिनों में अन्य एजेंसियों और ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को शामिल करके प्याज की खुदरा बिक्री को सही तरीके से बढ़ाया जाएगा।" दरअसल, आठ दिन पहले ही उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने बाजार में सीधे हस्तक्षेप करने और सरकार के बफर स्टॉक से प्याज जारी करने का फैसला किया था।
सरकार प्याज की कीमतों पर सब्सिडी क्यों दे रही है?
सरकार सब्सिडी पर प्याज इसलिए भी दे रही है क्योंकि टमाटर की महंगी कीमतों में पहले ही लोदों को परेशान कर रखा है इसलिए दोबारा महंगाई से बचने के लिए ये एहतियाती कदम उठाए गए हैं। टमाटर पिछले दिनों 200 रुपये प्रतिकिलो को पार कर लिया था। बता दें कि सब्जियों और अनाज की बढ़ती कीमतों के कारण जुलाई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) मुद्रास्फीति तेजी से बढ़कर 15 महीने के उच्चतम 7.44 प्रतिशत पर पहुंच गई।