Israel Hamas war: सायरन सुनते ही कांप जाती थी रुह, बाल-बाल बची जान... भारतीयों ने सुनाई भयानक मंजर की दास्तान
Operation Ajay इजरायल की राजधानी तेल अवीव से आए इन भारतीयों के लिए भावनाओं पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था। उन्हें सही-सलामत देखकर स्वजन की आंखें भी खुशी से छलक पड़ीं और भारत माता की जय व वंदे मातरम के नारे गूंजने लगे। ऑपरेशन अजय के तहत पहली बार 212 यात्रियों को लेकर एयर इंडिया का विमान शुक्रवार सुबह सात बजे आइजीआइ एयरपोर्ट पहुंचा।
जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। भीषण संघर्ष के बीच इजरायल में फंसे भारतीयों को सुरक्षित स्वदेश लाने के लिए शुरू किए गए ऑपरेशन अजय के तहत पहली बार 212 यात्रियों को लेकर एयर इंडिया का विमान शुक्रवार सुबह सात बजे आइजीआइ एयरपोर्ट पहुंचा।
शनिवार को 200 भारतीयों को लेकर एक और विमान के पहुंचने की उम्मीद है। इजरायल की राजधानी तेल अवीव से आए इन भारतीयों के लिए भावनाओं पर काबू पाना मुश्किल हो रहा था। उन्हें सही-सलामत देखकर स्वजन की आंखें भी खुशी से छलक पड़ीं और भारत माता की जय व वंदे मातरम के नारे गूंजने लगे। टर्मिनल 3 पर पहुंचे यात्रियों के स्वागत के लिए केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर स्वयं मौजूद थे।
चारों ओर गूंजती सायरन की आवाज
उन्होंने कहा कि हम सभी भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और उन्हें सुरक्षित घर वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम इस विमान के चालक दल के आभारी हैं, जिन्होंने एक कठिन कार्य को संभव बनाया। बच्चों को सुरक्षित और स्वस्थ उनके प्रियजनों के पास पहुंचाया। अपने देश की धरती पर पहुंचे यात्रियों के चेहरे पर खौफ और सुकून का मिश्रित भाव था। उन्होंने बताया कि सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन हमास की करतूत के बाद हालात एकाएक बदल गए। चारों तरफ सायरन की आवाज सुनाई देने लगी।
ऐसा लगता था मानों यहीं आकर राकेट गिरेगा और पलभर में सब कुछ बर्बाद हो जाएगा। सायरन की हर आवाज से खौफ बढ़ जाता था। हम खुशकिस्मत हैं कि सुरक्षित स्वदेश आ गए, लेकिन अब भी वहां कई लोग फंसे हुए हैं। इजरायल यूनिवर्सिटी की छात्रा द्युति बनर्जी ने कहा, अपने देश में आकर अच्छा लग रहा है। पिछले कुछ दिन काफी डरावने रहे। खासकर गाजा से सटे इलाके में स्थिति काफी खराब है।
वहां बच्चों के कत्लेआम की बात सुनकर मन सिहर जाता था। द्युति ने बताया कि उनके कई इजरायली साथी वहां की सेना में सेवाएं दे रहे हैं। पत्नी के साथ आए यशवंत सिंह इजरायल में कृषि के क्षेत्र में शोध करते हैं। बोले, अनुमान लगाना मुश्किल है कि यह संघर्ष क्या रूप लेगा? पी घोष का कहना था कि जगह-जगह बने शेल्टर होम में बड़ी संख्या में भारतीय शरण लिए हुए हैं।
विमान सेवाएं रद होने की खबर ने बढ़ाई चिंता
यात्रियों में शामिल सौरव उत्तरी इजरायल में रह रहे थे। बोले, यहां पहुंचकर ऐसा लग रहा है कि मानो सिर से भारी बोझ उतर गया है। कुछ यात्रियों ने कहा कि इजरायल से नई दिल्ली के लिए विमान सेवाएं रद होने की खबर ने उनकी चिंता बढ़ा दी थी।
विचार आया कि तुर्किये या साइप्रस के रास्ते भारत आया जाए, लेकिन अफवाह फैली कि इजरायल से इन देशों के लिए विमान सेवाओं को रद कर दिया गया है। भारत सरकार ने सही समय पर आपरेशन शुरू किया, अन्यथा हालत बदतर हो जाती।
जयपुर की मिनी शर्मा ने बताया कि भारतीय दूतावास से एक दिन पहले वापसी के लिए संदेश मिला था। दूतावास के लोग बहुत मददगार थे। हम चौबीसों घंटे उनसे संपर्क कर सकते थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अ¨रदम बागची ने बताया कि लगभग 18,000 भारतीय इजरायल में रह रहे हैं, जबकि लगभग एक दर्जन लोग वेस्ट बैंक में और तीन से चार लोग गाजा में हैं। कोशिश सभी को स्वदेश वापस लाने की हो रही है।