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VIDEO: इंसान नहीं तोतों और गाय में नशे की लत से परेशान हैं लोग, जानें- क्या है मामला

इस फसल को खाकर तोतों में नशे की लत लग गई है। नील गाय भी फसल चट कर जाती हैं। नशे की इस अनोखी लत से किसान खासे परेशान हैं। उन्हें फसल बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही।

By Amit SinghEdited By: Updated: Mon, 18 Feb 2019 07:58 PM (IST)
VIDEO: इंसान नहीं तोतों और गाय में नशे की लत से परेशान हैं लोग, जानें- क्या है मामला
उदयपुर [सुभाष शर्मा]। आप ने इंसानों को नशे का आदि होते हुए बहुत सुना या देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी पशु-पक्षियों में नशे की लत लगते सुना है। लत भी ऐसी कि इंसान की तरह इसके आदि हो चुके पशु-पक्षी भी अपनी जान दांव पर लगाने को तैयार हैं। इन दिनों राजस्थान के किसानों को तोतों में लगी नशे की लत से काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पूरा मामला जानने के लिए पढ़ें ये खबर।

राजस्थान के उदयपुर संभाग के अफीम उत्पादक किसान आजकल अनोखी परेशानी झेल रहे हैं। नीलगाय द्वारा फसल खराब करने की समस्या उनके लिए पहले से ही थी, अब नई परेशानी तोते बन गए हैं। वे अफीम के पौधों पर लगे डोडे खाने लगे हैं। इस तरह तोतों में अफीम की लत बढ़ती जा रही है और वे लगातार फसल खराब कर रहे हैं। हालांकि इससे बचने के लिए किसानों ने खेतों को जाल से ढंकना शुरू कर दिया है।

उदयपुर जिले के मेनार, वल्लभनगर तथा चित्तौडग़ढ़ जिले में अफीम यानी काला सोना की खेती इन दिनों तैयार होने की कगार पर है। अफीम की खेती करने वाले किसान, फसल में तैयार डोडे पर चीरा लगाने की तैयारी में हैं, जिससे अफीम निकलनी शुरू होगी। खेतों में लगी अफीम की फसल उसके फूलों की वजह से बहुत सुंदर दिख रही है। यही खूबसूरत फूल किसानों की परेशानी की वजह बन गए हैं।

अफीम उत्पादक किसानों के मुताबिक खूबसूरत फूलों से आकर्षित होकर तोतों का झुंड रोजाना सुबह 5 से 7 बजे के बीच अफीम के फूल तथा डोड़ों को खा रहा है। वहीं कुछ पक्षी डोड़ा काटकर चोंच में दबाकर ले जाते हैं। इसके चलते मेनार, वाना, अमरपुरा, खालसा, खेरोदा, इंटाली व वल्लभनगर के अफीम उत्पादक किसान ज्यादा परेशान हैं। किसान माधव मेनारिया का कहना है कि पूरे खेत पर जाल लगाने से किसानों के हजारों रुपए खर्च हो रहे हैं।

पहले की थी तारबंदी, अब लगाया जाल
किसान उमाशंकर कानावत ने बताया कि पहले नीलगाय से फसल बचाने के लिए तारबंदी में हजारों रुपए खर्च हुए थे। अब फसल के ऊपर जाल लगाने में हजारों रुपए खर्च हो रहे हैं। मौसमी बीमारी की समस्या फसल के लिए पहले ही चुनौती बनी हुई है। किसान हिम्मत भलावत के अनुसार अकेले मेनार क्षेत्र में 72 अनुज्ञाधारी (लाइसेंसधारी) अफीम किसान हैं। झुंड में आने वाले तोते डोड़े और फूल को खाकर बेकार कर देते हैं। इससे काफी नुकसान हो रहा है।

लत लगने पर जान दांव पर लगा देते हैं पशु-पक्षी
एनीमल फिडिंग एंड जेनेटिक्स, उदयपुर के प्रोफेसर आरके नागदा बताते हैं कि एक बार डोडा खाने के बाद तोते समेत अन्य पक्षियों और बंदरों में इसकी लत लगने लगती है। एक बार लत लग गयी तो पशु हो या पक्षी उनका शरीर 24 घंटे के अंतराल पर फिर से इस नशे की मांग करने लगता है। पशु-पक्षियों में लगने वाली इस लत को छुड़ाना बहुत मुश्किल है। एक बार लत लगने के बाद फिर वह जान दांव पर लगाकर भी उसका स्वाद लेने के लिए जाने से नहीं हिचकते।

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