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Opposition Unity: नीतीश के बयान से बैकफुट पर विपक्षी गठबंधन, पांच राज्यों में नुकसान के डर से कांग्रेस ने साधी चुप्पी

Nitish Kumar Statement बिहार विधानसभा में प्रजनन दर पर बयान देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौतरफा घिर गए हैं। भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों ने उन्हें निशाने पर ले रखा है जबकि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के पैरोकार दलों ने चुप्पी साध रखी है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में नुकसान के डर से कांग्रेस की जुबान भी बंद है।

By Jagran NewsEdited By: Abhinav AtreyUpdated: Thu, 09 Nov 2023 08:10 PM (IST)
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नीतीश के बयान से बैकफुट पर विपक्षी गठबंधन (फोटो एक्स)
अरविंद शर्मा, नई दिल्ली। बिहार विधानसभा में प्रजनन दर पर बयान देने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चौतरफा घिर गए हैं। भाजपा एवं उसके सहयोगी दलों ने उन्हें निशाने पर ले रखा है, जबकि लोकसभा चुनाव में विपक्षी गठबंधन के पैरोकार दलों ने चुप्पी साध रखी है। पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में नुकसान के डर से कांग्रेस की जुबान भी बंद है। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कड़ी प्रतिक्रिया के बाद भी कांग्रेस की तरफ से किसी बड़े नेता का अभी तक कोई बयान नहीं आया है।

राजद और समाजवादी पार्टी ने बचाव जरूर किया है। हालांकि, नीतीश कुमार का वक्तव्य सदन के अंदर का है। एक प्रक्रिया के तहत विधानसभा एवं विधान परिषद की कार्यवाही से इसे हटाया जा सकता है। नीतीश ने सदन में माफी मांगने के साथ-साथ यह भी आग्रह किया है कि उनके बयान को कार्यवाही से हटा दिया जाए। ऐसे में इस विवाद का अब उतना मतलब नहीं रह जाएगा। समय के साथ अपने आप विराम लग जाएगा।

चुनाव में जुटी कांग्रेस किसी झंझट में नहीं पड़ना चाहती

तीन दिनों में देश भर से कड़ी प्रतिक्रिया सिर्फ राजग खेमे से आ रही है। पांच राज्यों के चुनाव प्रचार में न तो मल्लिकार्जुन खरगे और न ही प्रियंका गांधी ने इस मुद्दे पर कोई प्रतिक्रिया दी है। इसका संकेत साफ है कि पांच राज्यों के चुनाव में जुटी कांग्रेस किसी झंझट में नहीं पड़ना चाहती है।

नीतीश कुमार ने कांग्रेस की मंशा पर सवाल खड़े किए थे

हालांकि, जदयू के एक वरिष्ठ नेता का कहना है कि चुनाव वाले राज्यों में नीतीश कुमार प्रचार करने नहीं जा रहे हैं। न ही उन राज्यों के लिए जदयू का कांग्रेस के साथ गठबंधन है। ऐसे में इसे फायदा या नुकसान से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। कांग्रेस ने भी इसीलिए स्वयं को अलग कर रखा है। करीब हफ्ते भर पहले पटना में वामदलों के एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार ने विपक्षी एकता के प्रयासों में कांग्रेस की मंशा पर सवाल खड़े किए थे।

पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी विवाद को तूल देने के पक्ष में नहीं

इसके बाद कांग्रेस की ओर से लालू प्रसाद और तेजस्वी यादव के माध्यम से नीतीश को लाइन पर रखने की तत्काल पहल की गई थी, ताकि पांच राज्यों के चुनाव में गलत संदेश न जाए। मगर इस बार लालू प्रसाद की ओर से भी ऐसी पहल नहीं की गई है। नीतीश सरकार में शामिल राजद की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी इसे तूल देने के पक्ष में नहीं हैं।

'माफी मांगने के साथ बात खत्म होनी चाहिए'

उन्होंने कहा है कि गलती से ऐसी बात निकल गई है। माफी मांगने के साथ बात खत्म होनी चाहिए। समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी कुछ ऐसा ही बयान दिया है। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने लोगों से नजरिया बदलने का आग्रह करते हुए कहा है कि अब तो स्कूलों में भी साइंस एवं बायोलॉजी की पुस्तकों में इस तरह की पढ़ाई होती है।

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