Parliament Security Breach: सुरक्षा चूक को लेकर संसद में विपक्ष का हंगामा, जम्मू-कश्मीर से जुड़े दो विधेयक राज्यसभा में पास
Rajya Sabha passed two bills related to Jammu and Kashmir विपक्ष ने इन विधेयकों पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और सदन के वेल में आकर नारेबाजी की और 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की। उच्च सदन ने इन विधेयकों को बिना किसी बहस के ध्वनि मत से पारित कर दिया।
By AgencyEdited By: Babli KumariUpdated: Mon, 18 Dec 2023 03:58 PM (IST)
एएनआई, नई दिल्ली। संसद सुरक्षा चूक की घटना पर संयुक्त विपक्ष के गतिरोध के बीच राज्यसभा ने सदन में आने के 10 मिनट के भीतर जम्मू-कश्मीर पर दो अलग-अलग विधेयक पारित किए। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानद राय ने एक-एक करके जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक 2023 और केंद्र शासित प्रदेश सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023 को विचार और पारित करने के लिए सदन में पेश किया।
चूंकि विपक्ष ने इन विधेयकों पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और सदन के वेल में आकर नारेबाजी की और 13 दिसंबर को लोकसभा में हुई सुरक्षा उल्लंघन की घटना पर गृह मंत्री अमित शाह के बयान की मांग की। उच्च सदन ने इन विधेयकों को बिना किसी बहस के ध्वनि मत से पारित कर दिया।
दोनों विधेयकों को पिछले सप्ताह लोकसभा द्वारा किया गया था पारित
जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (दूसरा संशोधन) विधेयक (2023) जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम (2019) में संशोधन करना चाहता है। यह विधेयक पिछले सप्ताह लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। यह विधेयक, यथासंभव, जम्मू और कश्मीर विधानसभा में सभी निर्वाचित सीटों में से एक-तिहाई महिलाओं के लिए आरक्षित करता है। यह आरक्षण विधानसभा में अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा।जनगणना के प्रकाशित होने के बाद प्रभावी होगा आरक्षण
इस विधेयक के लागू होने के बाद होने वाली जनगणना के प्रकाशित होने के बाद आरक्षण प्रभावी होगा। जनगणना के आधार पर महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित करने के लिए परिसीमन किया जाएगा। आरक्षण 15 साल के लिए रहेगा। हालांकि, यह संसद द्वारा बनाए गए कानून द्वारा निर्धारित तिथि तक जारी रहेगा। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें प्रत्येक परिसीमन के बाद घुमाई जाएंगी, जैसा कि संसद द्वारा बनाए गए कानून द्वारा निर्धारित किया जाएगा।