Parliament: सुरक्षा चूक पर संसद में पक्ष-विपक्ष का बढ़ा टकराव, गृह मंत्री के बयान की मांग को लेकर हंगामा
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने की घटना पर गृह मंत्री के बयान की मांग को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच सियासी टकराव बढ़ गया है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मुद्दे पर आवाज उठाना हमारा संसदीय कर्तव्य और संसदीय धर्म है। वहीं इस मुद्दे को लेकर जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद की सुरक्षा में सेंध लगाए जाने की घटना पर गृह मंत्री के बयान की मांग को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच सियासी टकराव बढ़ गया है। इस मुद्दे पर अपने 14 सांसदों के निलंबन के बाद भी विपक्ष ने गृह मंत्री के दोनों सदनों में सुरक्षा चूक का मुद्दा उठाते हुए हंगामा किया जिसके चलते संसद की कार्यवाही पूरे दिन नहीं चल पायी। इतना ही नहीं विपक्षी आईएनडीआईए के दलों ने यह भी साफ कर दिया है कि सुरक्षा की इस गंभीर चूक से जुड़े सवालों का गृह मंत्री अमित शाह जब तक दोनों सदनों में स्पष्टीकरण नहीं देते तब तक संसद की कार्यवाही नहीं चल पाएगी।
विपक्षी दलों ने साफ कहा है कि सुरक्षा व्यवस्था को धता बताते हुए लोकसभा के भीतर कूदने की घटना की गंभीरता को देखते हुए गृह मंत्री सोमवार को दोनों सदनों में बयान देंगे तभी गतिरोध का हल निकलेगा। संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को विपक्ष ने संसद की सुरक्षा चूक का मामला उठाते हुए हंगामा शुरू करते ही लोकसभा की कार्यवाही एक मिनट के अंदर दोपहर दो बजे तक स्थगित कर दी गई।
विपक्षी सदस्यों ने जमकर नारेबाजी की
राज्यसभा में भी विपक्षी सदस्यों ने गृह मंत्री से बयान की मांग करते हुए वेल में जाकर नारेबाजी शुरू कर दी तो सदन दो बजे तक स्थगित कर दिया गया। विपक्ष ने दोपहर दो बजे भी दोनों सदनों में गृह मंत्री के आकर स्पष्टीकरण देने की मांग नहीं छोड़ी और हंगामे के कारण लगातार दूसरे दिन दोनों सदन की कार्यवाही ठप हो गई। विपक्षी दल लोकसभा में अपने 13 और राज्यसभा में एक सांसद डेरेक ओब्रायन के निलंबन को लेकर भी उद्वेलित हैं, मगर सरकार की घेरेबंदी के लिए रणनीतिक तौर पर वे इस मुद्दे को सदन में ज्यादा तूल देने की बजाय सुरक्षा चूक को मुद्दा बना रहे हैं।
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मल्लिकार्जुन खरगे ने क्या कुछ कहा?
गृह मंत्री के संसद में बयान नहीं देने और इस मसले पर एक मीडिया कार्यक्रम में अपनी बात कहने पर भी विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने सवाल उठाते हुए सदन में पहले अमित शाह के बयान और फिर उस पर संक्षिप्त चर्चा की मांग की। खरगे ने 'एक्स' पर पोस्ट में भी कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के गंभीर मुद्दे पर आवाज उठाना हमारा संसदीय कर्तव्य और संसदीय धर्म है। खरगे ने विपक्षी सांसदों को निलंबित किए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा,
संसद और सांसदों की सुरक्षा में जो भारी चूक हुई है उस पर विपक्ष के सांसदों को गैरकानूनी तरीके से संस्पेंड करना किस तरह का न्याय है।
'दो दिन से नहीं चल पाई संसद'
कांग्रेस के संचार महासचिव जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में संसद में पक्ष-विपक्ष के बीच बढ़े टकराव के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि गृह मंत्री अमित शाह के अहंकार के कारण दो दिन से संसद नहीं चल पायी है। गृह मंत्री ने मीडिया चैनल में जो बयान दिया वही बात अगर वे संसद में कह देते तो सदन चल सकता था और जब सत्र चल रहा हो तो सदन के बाहर बयान देना संसद की अवमानना है। आईएनडीआईए की सभी पार्टियां एकमत हैं कि गृह मंत्री सदन में एक बयान दें जिसके बाद संक्षिप्त चर्चा हो और कुछ सवालों का स्पष्टीकरण दिया जाए।
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जयराम ने आरोप लगाया कि भाजपा इस मामले में घिरे अपने लोकसभा सांसद प्रताप सिम्हा की भूमिका को ध्यान में रखते हुए उनको बचाने का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने साफ कहा कि गृह मंत्री का इस मुद्दे पर बयान नहीं हुआ तो संसद के बाकी बचे सत्र में दोनों सदनों की कार्यवाही का चलना मुश्किल होगा। आम आदमी पार्टी के राघव चड्डा ने भी राज्यसभा में सुरक्षा चूक को गंभीर घटना बताते हुए गृह मंत्री से बयान की मांग की।