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'न जात पर न पात पर, मुहर लगेगी हाथ पर', जाति मुद्दे को लेकर वित्तमंत्री का राहुल गांधी पर पलटवार

विपक्ष के नेता राहुल गांधी की अगुवाई में जाति जनगणना की मांग पर चल रही बहस ने मंगलवार को लोकसभा में व्यक्तिगत मोड़ ले लिया। भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने बिना किसी के नाम लिए कहा कि जिनकी जाति अज्ञात है वे गणना की मांग कर रहे हैं। जिसपर राहुल गांधी ने कहा कि कोई भी गाली उन्हें रोक नहीं सकती।

By Jagran News Edited By: Babli Kumari Updated: Tue, 30 Jul 2024 11:50 PM (IST)
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राहुल गांधी , अनुराग ठाकुर और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन (दायें से बाएं)

संजय मिश्र, नई दिल्ली। नेता विपक्ष राहुल गांधी की परोक्ष तौर पर जाति पूछने के दौरान की गई टिप्पणी पर मचे सियासी संग्राम से लेकर बजट के हलवा वितरण समारोह को जातिगत मुद्दे से जोड़ने पर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमन के तीखे पलटवार को लेकर लोकसभा में दूसरे दिन भी खूब घमासान हुआ। सरकार और विपक्ष के बीच चले जुबानी तीरों के इस दौर में तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद सौगत राय पर बेहद आक्रामक हमला कर वित्तमंत्री ने टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी की आधी आबादी के राजनीतिक सशक्तिकरण के एजेंड़े पर भी चोट करने की कोशिश की।

वित्तमंत्री के बजट पर जवाब के दौरान तो पक्ष-विपक्ष के बीच तकरार के कई दौर आए मगर सबसे तीखा संग्राम भाजपा नेता अनुराग ठाकुर का राहुल गांधी पर बेहद कटु निजी हमले को लेकर हुआ। जातिगत जनगणना पर राहुल गांधी की सोमवार की टिप्पणी पर लक्ष्य करते हुए नाम लिए बिना अनुराग ने कहा ''जिसकी जाति का पता नहीं, वो जाति जन गणना की बात करता है।''

भारी हंगामे के बीच राहुल गांधी ने कह दी ये बात

कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष अनुराग की इस टिप्पणी पर भड़क गया। भारी हंगामे के बीच राहुल गांधी ने कहा कि अनुराग ठाकुर ने उनका अपमान किया और आप जितना अपमान करना है रोज करिए मगर हम जाति जनगणना करा कर रहेंगे। भाजपा सदस्यों ने भी इस पर जवाबी शोर करते हुए राहुल पर टीका-टिप्पणियां की और केंद्रीय मंत्री जदयू नेता राजीव रंजन सिंह लल्लन ने तो नेता विपक्ष के खिलाफ एक बेहद कड़वी निजी टिप्पणी कर डाली जिसके खिलाफ नारेबाजी करते हुए कांग्रेस के सांसद वेल में पहुंच गए।

जितनी गाली देनी है खुशी से रोज दीजिए- राहुल

राहुल ने कहा कि आपको जितनी गाली देनी है खुशी से रोज दीजिए मगर महाभारत में अर्जुन को जिस तरह केवल मछली की आंख दिख रही थी उसी तरह उन्हें जाति जनगणना दिखाई दे रही है। आसन ने जातिगत टिप्पणी को रिकार्ड से निकालने की बात कही तब अनुराग ने सफाई दी कि अपनी टिप्पणी के दौरान उन्होंने किसी का नाम नहीं लिया। मगर नेता विपक्ष पर निजी हमले को लेकर आक्रोशित अखिलेश यादव ने अनुराग ठाकुर पर प्रहार करते हुए कहा कि आप किसी की जाति कैसे पूछ सकते हैं और सदन में ऐसा करने की हिम्मत कैसे हुई। पक्ष-विपक्ष के घमासान का दूसरा चरण वित्तमंत्री के हमलवार तेवरों के नाम रहा।

हलवा समारोह की तस्वीर पर दिया वित्तमंत्री ने जवाब

हलवा समारोह की तस्वीर में एससी-एसटी-ओबीसी के नहीं होने की राहुल की टिप्पणी पर जवाबी वार करते हुए निर्मला सीतारमन ने कहा कि इस परंपरा की पवित्रता को राजनीतिक नजरिए से देखने से पहले अपने घर में झांक लेना चाहिए। इसके बाद वित्तमंत्री ने राजीव गांधी फाउंडेशन के नौ और राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट के पांच लोगों में से एक भी एसी-एसटी नहीं होने का दावा करते हुए दूसरों पर वार करने से पहले अपना ट्रैक रिकार्ड देखने की नसीहत दी। इसी क्रम में वित्तमंत्री ने ओबीसी आरक्षण का विरोध करने का कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए पंडित जवाहरलाल नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी के राजनीतिक रूख का जिक्र किया।

'जिनके दादा-परदादा ने आरक्षण का विरोध किया...'

''न जात पर न पात पर, मुहर लगेगी हाथ पर'' के नारे का उल्लेख कर वित्तमंत्री ने राहुल गांधी पर निजी हमले करते हुए कहा कि जिनके दादा-परदादा ने आरक्षण का विरोध किया वे आज जाति जनगणना के हिमायती बन रहे हैं। राज्यों के साथ भेदभाव के आरोपों पर भी वित्तमंत्री ने कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष पर निशाना साधा मगर तृणमूल के वरिष्ठ सांसद सौगत राय की बजट चर्चा के दौरान उनके हावर्ड-ऑक्सफोर्ड से पढ़ा नहीं होने की टिप्पणी को लेकर जबरदस्त हमले किए। निर्मला ने कहा कि ममता बनर्जी भी देश के विश्वविद्यालय में ही पढ़ी हैं और वे एक मजबूत तेवरों वाली नेता हैं मगर राय की यह टिप्पणी की वे देश में पढ़ी हैं और इसलिए उनके पास नए विचारों की कमी है, उनकी महिला विरोधी मानसकिता को दर्शाता है और यह शर्मनाक है।

तृणमूल ने सदन से किया वाकआउट

भाजपा और तृणमूल सांसदों के बीच इस पर काफी तीखी झड़प और हंगामा हुआ जिसमें कांग्रेस सदस्यों ने भी खड़े होकर अपने विपक्षी सहयोगी का साथ दिया। अभिषेक बनर्जी, कल्याण बनर्जी और सौगत राय इस पर अपना जवाब देने की मांग करते रहे मगर स्पीकर ने इसे नजरअंदाज कर दिया तो विरोध में तृणमूल ने वित्तमंत्री का जवाब खत्म होने से कुछ मिनट पहले सदन से वाकआउट किया। हालांकि कांग्रेस समेत आइएनडीआइए के अन्य तमाम सांसद सदन में ही बैठे रहे।

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