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One Nation One Election: पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से मिले विपक्षी नेता; 'एक देश, एक चुनाव' को लेकर जताया विरोध

विपक्षी नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से मुलाकात की और एक देश एक चुनाव का विरोध किया। एक देश एक चुनाव पर समिति का गठन पिछले साल किया गया था। समिति का उद्देश्य भारत के संविधान और अन्य वैधानिक प्रविधानों के तहत मौजूदा ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा राज्य विधानसभाओं नगर निकायों और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के बारे में सिफारिश करना है।

By Agency Edited By: Amit Singh Updated: Tue, 06 Feb 2024 10:22 PM (IST)
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विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों ने लिखित रूप में अपने सुझाव भी सौंपे

एएनआइ, नई दिल्ली। विपक्ष के नेताओं ने मंगलवार को 'एक देश, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष और पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविन्द से मुलाकात की और एक देश, एक चुनाव' का विरोध किया।

विचार का विरोध

कोविन्द से मुलाकात के बाद तृणमूल कांग्रेस के नेता कल्याण बनर्जी ने कहा, हम पूर्व राष्ट्रपति की अध्यक्षता वाली समिति के समक्ष 'एक देश, एक चुनाव' के विचार का विरोध किया। हमें लगता है कि इस कदम के पीछे भारत को तानाशाही में बदलने का छिपा हुआ एजेंडा है। हमारे संवैधानिक प्रविधानों में हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता है और न ही किया जाना चाहिए।

'संविधान की भावना के विपरीत'

कोविन्द ने माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, राज्यसभा के पूर्व सदस्य नीलोत्पल बसु से भी मुलाकात की। उच्च स्तरीय समिति के साथ बैठक के बाद येचुरी ने कहा, 'एक देश, एक चुनाव' संविधान की भावना के विपरीत है। यह लोकतंत्र विरोधी और संघवाद विरोधी है। इस बीच समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधियों केके श्रीवास्तव और डॉ. हरीश चंदर यादव ने भी कोविन्द से मिलकर लिखित सुझाव दिया, जिसमें कहा गया कि 'एक देश, एक चुनाव' से राष्ट्रीय पार्टियों को बड़ा फायदा हो सकता है, जबकि राज्य स्तरीय पार्टियों को नुकसान होने की आशंका है।

पिछले साल हुआ था समिति का गठन

'एक देश, एक चुनाव' पर उच्च स्तरीय समिति का गठन पिछले साल सितंबर में किया गया था। समिति का उद्देश्य भारत के संविधान और अन्य वैधानिक प्रविधानों के तहत मौजूदा ढांचे को ध्यान में रखते हुए लोकसभा, राज्य विधानसभाओं, नगर निकायों और पंचायतों के लिए एक साथ चुनाव कराने के बारे में सिफारिश करना है।