Move to Jagran APP

वक्फ बिल पर फिर मचा घमासान, विपक्षी सांसदों ने जेपीसी की बैठक का किया बहिष्कार

Waqf Act वक्फ संशोधन बिल के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा में प्रस्तुत करनी है। इससे पहले समिति को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। विपक्षी सांसदों ने समिति पर सिद्धांतों और मानदंडों के साथ काम न करने का आरोप लगाकर इसकी बैठक का बहिष्कार कर दिया है।

By Agency Edited By: Sachin Pandey Updated: Mon, 14 Oct 2024 06:19 PM (IST)
Hero Image
विपक्षी सांसदों ने किया बैठक का बहिष्कार। (Photo- ANI)
एएनआई, नई दिल्ली। वक्फ संशोधन बिल के लिए गठित संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) को लेकर एक बार फिर विवाद पैदा हो गया, जिसके बाद विपक्षी सांसदों ने सोमवार को जेपीसी की बैठक का बहिष्कार कर दिया।

सदस्यों ने आरोप लगाया कि कर्नाटक राज्य अल्पसंख्यक आयोग और कर्नाटक अल्पसंख्यक विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष अनवर मणिप्पाडी की प्रस्तुति वक्फ विधेयक के बारे में नहीं थी। उन्होंने आरोप लगाया कि अनवर कर्नाटक सरकार और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के खिलाफ अनावश्यक आरोप लगा रहे हैं, जो समिति के अनुरूप नहीं है और स्वीकार्य नहीं है।

'सिद्धांतों और मानदंडों का पालन नहीं'

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद अरविंद सावंत ने कहा कि उन्होंने बैठक का बहिष्कार किया है, क्योंकि समिति सिद्धांतों के साथ काम नहीं कर रही है। सावंत ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, 'हमने बहिष्कार किया है, क्योंकि समिति सिद्धांतों और मानदंडों के साथ काम नहीं कर रही है। नैतिक और सैद्धांतिक रूप से वे गलत हैं।'

विपक्षी सांसदों ने वक्फ विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के बारे में अपनी सभी चिंताओं पर चर्चा करने के लिए लोकसभा अध्यक्ष से संपर्क करने का फैसला किया है। इससे पहले सोमवार को अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन और उनके पिता हरि शंकर जैन अपनी टीम के साथ संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष अपनी प्रस्तुति दर्ज कराने के लिए संसद एनेक्सी पहुंचे।

8 अगस्त को पेश कया गया था बिल

गौरतलब है कि वक्फ (संशोधन) विधेयक 8 अगस्त को लोकसभा में पेश किया गया था और फिर बहस के बाद इसे जेपीसी को भेज दिया गया था। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर जेपीसी 1 अक्टूबर तक विभिन्न हितधारकों के साथ अनौपचारिक चर्चा कर रही है। इन परामर्शों का उद्देश्य, वक्फ अधिनियम में प्रस्तावित संशोधनों को लागू करना है, जो देश भर में 6,00,000 से अधिक पंजीकृत वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को नियंत्रित करता है।

वक्फ अधिनियम, 1995, वक्फ संपत्तियों को रेगुलेट करने के लिए बनाया गया था, लेकिन इस पर लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोप लगे हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 व्यापक सुधार लाने, डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को पुनः प्राप्त करने के लिए कानूनी तंत्र लाने का प्रयास करता है। समिति को अगले संसद सत्र के पहले सप्ताह के अंतिम दिन तक अपनी रिपोर्ट लोकसभा में प्रस्तुत करनी है।