दो विपक्षी सांसदों ने अपने निलंबन के लिए हर जतन किए, आसन पर पर्चे फाड़कर फेंके; टेबल पर चढ़कर लगाए नारे, जानें दिलचस्प मामला
विपक्ष एक ओर जहां सदस्यों के निलंबन को लोकतंत्र और संसदीय परंपरा के खिलाफ बता रहा है वहीं दूसरी ओर लोकसभा में बुधवार को ऐसा नजारा भी देखने को मिला जब दो विपक्षी सांसद खुद को निलंबित किए जाने को लेकर हर जतन करते दिखे। पहले आग्रह किया और जब बात नहीं बनी तो अमर्यादित आचरण किया जिसके आधार पर उन्हें भी सदन से निलंबित कर दिया जाए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विपक्ष एक ओर जहां सदस्यों के निलंबन को लोकतंत्र और संसदीय परंपरा के खिलाफ बता रहा है वहीं दूसरी ओर लोकसभा में बुधवार को ऐसा नजारा भी देखने को मिला, जब दो विपक्षी सांसद खुद को निलंबित किए जाने को लेकर हर जतन करते दिखे। पहले आग्रह किया और जब बात नहीं बनी तो अमर्यादित आचरण किया, जिसके आधार पर उन्हें भी सदन से निलंबित कर दिया जाए।
दोनों ने सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पहले वेल में आकर खूब नारेबाजी की। फिर भी सुनवाई नहीं हुई तो आसन पर पर्चे फाड़कर फेंके। इसके बाद भी जब बात नहीं बनी तो दोनों अगली पंक्ति की खाली मेजों पर चढ़ गए और तेज-तेज नारे लगाने लगे। इस बीच लोकसभा अध्यक्ष ने उन्हें कई बार अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा और चेतावनी भी दी, लेकिन उन पर कोई असर नहीं हुआ। वह नारेबाजी के साथ खुद को निलंबित करने की भी मांग लगातार करते रहे।
लोकसभा अध्यक्ष सांसदों के निलंबन में दोहरा रवैया अपना रहे हैं
इस बीच सदन को दो बजे स्थगित किया गया, तो सीपीआई (एम) सांसद एएम आरिफ और केरल कांग्रेस (एम) सांसद सी थामस हाथ में तख्तियां लिए बाहर निकले और संसद की सीढियों पर हाथों में पर्चे लेकर बैठ गए। मीडिया से बात करते हुए दोनों ही सांसदों ने कहा कि लोकसभा अध्यक्ष सांसदों के निलंबन में दोहरा रवैया अपना रहे हैं।
संसदीय कार्य मंत्री ने सांसदों का निलंबन प्रस्ताव पेश किया
एक ओर तो अध्यक्ष ने वेल जाने और नारेबाजी करने वाले उनके 95 साथियों को निलंबित कर दिया, जबकि उन्हें हंगामा करने के बाद भी निलंबित नहीं किया जा रहा है। हालांकि दोपहर तीन बजे जैसे ही सदन की कार्रवाई शुरू हुई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दोनों ही सांसदों के असंसदीय आचरण को देखते हुए उन्हें निलंबित करने का प्रस्ताव सदन के सामने पेश किया। जिसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने दोनों को ही निलंबित कर दिया।
निलंबन होते ही दोनों सांसदों के चेहरे पर दिखी खुशी
खासबात यह है कि निलंबन का फैसला लिए जाने के साथ ही दोनों ही सांसदों के चेहरे पर खुशी दिखी। दोनों सांसदों का कहना है कि वह इस निलंबन से विपक्षी खेमे के साथ खड़े हो सकेंगे। साथ ही अपने क्षेत्र में जाकर लोगों को बता सकेंगे कि उन्हें भी बाकी विपक्षी सांसदों की तरह निलंबित किया गया था। इस बीच लोकसभा से दो और विपक्षी सांसदों के निलंबन के साथ ही लोकसभा से निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या बढ़कर 97 हो गई है।
वहीं, दोनों सदनों से अब तक निलंबित होने वाले सांसदों की संख्या 143 हो गई है। हालांकि इस कार्रवाई के बाद अभी भी लोकसभा में विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए से जुड़े करीब 40 सांसद बचे हुए है। इनमें कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी शामिल है।
ये भी पढ़ें: Hindi Language: 'हमारा देश हिंदुस्तान है तो हम सबको हिंदी की समझ होनी चाहिए', सीएम नीतीश ने दी द्रमुक नेता को नसीहत