Israel-Hamas War: इजरायल-हमास युद्ध को लेकर विपक्ष ने भारत सरकार की मंशा पर उठाए सवाल, पढ़ें किसने क्या कहा
संयुक्त राष्ट्र महासभा में जॉर्डन की ओर से एक मसौदा पेश कर इजरायल और हमास आतंकियों के बीच तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान किया गया था जिसमें भारत किसी भी पक्ष के साथ नजर नहीं आया। भारत सरकार के इस कदम पर विपक्षी पार्टियों ने जमकर आलोचना की है ।
प्रियंका गांधी ने सरकार की मंशा पर उठाया सवाल
“An eye for an eye makes the whole world blind” ~ Mahatma Gandhi
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) October 28, 2023
I am shocked and ashamed that our country has abstained from voting for a ceasefire in Gaza.
Our country was founded on the principles of non-violence and truth, principles for which our freedom fighters laid down…
मानवता के हर कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं, लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी, चिकित्सा आपूर्ति, संचार और बिजली काट दी गई है और फलस्तीन में हजारों पुरुषों, महिलाओं और बच्चों को मौत के घाट उतारा जा रहा है, ऐसे में स्टैंड लेने से इनकार करना और चुपचाप देखते रहना साफ-तौर पर गलत है, जिसके लिए एक राष्ट्र के रूप में हमारा देश हमेशा खड़ा रहा है।- प्रियंका गांधी
NCP प्रमुख शरद पवार ने क्या कहा?
#WATCH | On the Israel-Hamas conflict, NCP chief Sharad Pawar says, "...there is confusion among the Indian government on the Palestine issue. India's policy was to support Palestine, not Israel. Thousands of people are dying (in Palestine) and India never supported it. So there… pic.twitter.com/5WUUbOOr7w
— ANI (@ANI) October 28, 2023
इजरायल- फलस्तीन मुद्दे पर भारत सरकार भ्रम की स्थिति में है। भारत की नीति हमेशा से फलस्तीन का समर्थन करने की थी, इजरायल का नहीं। इजरायल में हजारों लोग मर रहे हैं और भारत ने कभी भी इसका समर्थन नहीं किया। यह सब देखकर लगता है कि वर्तमान सरकार भ्रम की स्थिति में है।
भारत सरकार पर बरसे ओवैसी
जॉर्डन की ओर से लाए गए तत्काल संघर्ष विराम का आह्वान करने वाले मसौदे पर वोटिंग में भाग नहीं लेने पर एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भारत सरकार की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का मतदान में भाग नहीं लेना चौकाने वाला है। उन्होंने कहा कि इजरायल-हमास युद्ध के बाद से ही चीजें खराब हो गई हैं। उन्होंने कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है। यह एक मानवीय मुद्दा है।यह भी पढ़ेंः Israel-Hamas War: 'देश की नीति फलस्तीन समर्थन की है, इजरायल की नहीं', युद्ध में भारत के रुख पर शरद पवार का तंजइजरायल ने गाजा में सात हजार से अधिक लोगों को मार दिया है, जिसमें 3000 से अधिक बच्चे और 1700 महिलाएं शामिल हैं। इजरायली हमसे में गाजा में करीब 45 प्रतिशत आवास नष्ट हो गए हैं। अब तक 14 लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं। शांतिकाल में भी गाजावासियों को पूरी तरह से नाकाबंदी का सामना करना पड़ रहा है। यह एक मानवीय मुद्दा है न की राजनीति। इस प्रस्ताव पर भारत ने वोटिंग में भाग न लेकर दक्षिण एशिया और ब्रिक्स में अकेला खड़ा है। भारत ने नागरिक जीवन से संबंधित मुद्दे पर खुद को अलग क्यों रखा? एक विश्व एक परिवार और विश्व गुरु का क्या हुआ?