Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Organ Donation News: ब्रेन-डेड महिला के परिवार ने अंगदान के जरिए बचाई 5 लोगों की जान, जानिए क्या है पूरा मामला

परिवार को इस बात की जानकारी थी मृत्यु के बाद अंग दान की अवधारणा है। अस्पताल के प्रत्यारोपण समन्वयक के साथ चर्चा के बाद परिवार ने सहमति जताई कि महिला के अंग उन रोगियों को दान कर दिए जाएं जिन्हें उनकी सख्त जरूरत है।

By Piyush KumarEdited By: Updated: Sat, 16 Jul 2022 05:39 AM (IST)
Hero Image
एक युवा ब्रेन-डेड महिला द्वारा अंग दान की वजह से पांच लोगों की जान बच गई। (फोटो सोर्स: एएनआइ)

पुणे, एजेंसियां। अंगदान को महादान क्यों कहा जाता है उसका एक जबरदस्त उदाहरण सामने आया है। एक युवा ब्रेन-डेड महिला के परिवार द्वारा अंगों का दान करने की वजह से पांच लोगों की जान बच गई, जिसमें दो सैनिक भी शामिल हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिाकरी (Defence PRO) ने बताया कि एक युवा महिला को दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद उसके जीवन के अंतिम चरण में पुणे में स्थित कमांड अस्पताल (दक्षिणी कमान), (CHSC) में लाया गया था। महिला में जीवन के लिए महत्वपूर्ण मस्तिष्क लक्षण (Vital brain signs of life) मौजूद नहीं थे।

— ANI (@ANI) July 15, 2022

परिवार ने दिखाई अंग दान करने की इच्छा

परिवार को इस बात की जानकारी थी मृत्यु के बाद अंगदान की अवधारणा है। अस्पताल के प्रत्यारोपण समन्वयक के साथ चर्चा के बाद परिवार ने सहमति जताई कि महिला के अंग उन रोगियों को दान कर दिए जाएं, जिन्हें उनकी सख्त जरूरत है। आवश्यक मंजूरी के बाद कमांड अस्पताल (दक्षिणी कमान) में प्रत्यारोपण टीम को तुरंत सक्रिय कर दिया गया और सूचना जोनल ट्रांसप्लांट कोार्डिनेशन सेंटर (ZTCC) और आर्मी आर्गन रिट्रीवल एंड ट्रांसप्लांट अथारिटी (AORTA) को भी भेज दी गई।

कई मरीजों को अंग प्रत्यारोपित किए गए

14 जुलाई की रात और 15 जुलाई की सुबह के दौरान किडनी जैसे अंगों को भारतीय सेना के दो सेवारत सैनिकों में प्रत्यारोपित किया गया। आंखों को सीएच (एससी) -सशस्त्र बल मेडिकल कालेज परिसर के आई बैंक में संरक्षित किया गया और पुणे के रूबी हाल क्लिनिक में एक मरीज को लीवर दिया गया। मृत्यु के बाद अंगदान का एक उदार संकेत और सीएच (एससी) में एक अच्छी तरह से समन्वित प्रयास ने गंभीर रूप से बीमार पांच रोगियों को जीवन प्रदान की। रक्षा मंत्रालय के जनसंपर्क अधिाकरी ने आगे कहा, एक युवा महिला के द्वारा किए गए योगदान ने हमारे विश्वास को मजबूत किया है कि 'अपने अपने अंगों को स्वर्ग में मत ले जाओ, भगवान जानता है कि हमें यहां उनकी आवश्यकता है!'