देश की 95 फीसदी से अधिक ग्रामीण आबादी को मिल रहा पीने योग्य पानी: सरकारी रिपोर्ट
एक सरकारी रिपोर्ट के मुताबिक ग्रामीण क्षेत्रों में 95 प्रतिशत से अधिक लोगों के पास पीने योग्य पानी उपलब्ध है। सर्वे में मोबाइल फोन से लेकर शौचालय तक की स्थिति के बारे में बताया गया। सर्वे में ग्रामीण और शहरी क्षेत्र के दो लाख 76 हजार 409 परिवार शामिल हैं।
By AgencyEdited By: Achyut KumarUpdated: Sun, 12 Mar 2023 01:33 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआई। नेशनल सैंपल सर्वे (एनएसएस) के 78वें दौर के मल्टीपल इंडिकेटर सर्वे (एमआइएस) पर आधारित रिपोर्ट जारी हुई है। इस रिपोर्ट में अच्छी बात यह है कि अब देश की 95 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण आबादी को भी पीने योग्य साफ पानी मिल रहा है। वहीं, शहरों में 97.2 प्रतिशत लोगों की पीने के योग्य बेहतर पानी मिल रहा है।
एनएसएस रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण इलाकों में करीब 56.3 प्रतिशत और शहरी इलाकों में करीब 76.3 प्रतिशत लोगों ने घरेलू परिसर में स्थित पेयजल के बेहतर स्त्रोत का इस्तेमाल किया। इस रिपोर्ट में देश के लोगों के खाने से लेकर शिक्षा और लोगों के घरों के शौचालय तक की स्थिति के बारे में बताया गया है।एमआइएस का प्राथमिक उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के कुछ महत्वपूर्ण राष्ट्रीय संकेतकों के निर्माण के लिए डेटा एकत्र करना है।
पहले सर्वे को जनवरी-दिसंबर 2020 के दौरान कराने की प्लानिंग थी, लेकिन कोरोना महामारी के चलते इसे रोक दिया गया था। बाद में डेटा संग्रह का काम 15 अगस्त, 2021 तक हुआ। सैंपल जुटाने के लिए सर्वे को 14,266 इकाई में बांटा गया था। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों में 8,469 और शहरी क्षेत्रों में 5,797 इकाई थे। इस सर्वे में दो लाख 76 हजार 409 परिवार शामिल हुए। इनमें ग्रामीण क्षेत्रों से 1,64,529 और शहरी क्षेत्रों में 1,11,880 परिवार शामिल थे।
रिपोर्ट के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 67.8 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के लगभग 83.7 प्रतिशत लोगों ने सर्वे की तारीख से पहले के तीन महीनों के दौरान सक्रिय सिम कार्ड वाले मोबाइल फोन का उपयोग किया। 18 वर्ष और उससे अधिक आयु के व्यक्तियों में, ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 89.3 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में लगभग 89.6 प्रतिशत का व्यक्तिगत रूप से या संयुक्त रूप से किसी बैंक, वित्तीय संस्थान या मोबाइल मनी सेवा प्रदाता में खाता है।
रिपोर्ट में नागरिकों के कर्ज में होने का भी जिक्र है। इसके मुताबिक, 18 साल और उससे अधिक आयु के एक लाख लोगों में से ग्रामीण क्षेत्रों में 16,223 और शहरी क्षेत्रों में 14,889 लोग सर्वे के समय तक किसी न किसी संस्थागत या गैर संस्थागत एजेंसी के कर्जदार थे। ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 11.2 प्रतिशत परिवारों और शहरी क्षेत्रों में लगभग 7.2 प्रतिशत परिवारों ने 31 मार्च, 2014 के बाद आवासीय उद्देश्य के लिए कोई नया घर, फ्लैट खरीदा या निर्मित किया।
जिन परिवारों ने आवासीय उद्देश्य के लिए 31 मार्च 2014 के बाद किसी नए घर, फ्लैट की खरीद या निर्माण की सूचना दी है, उनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 47.5 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में लगभग 57.9 प्रतिशत परिवारों ने पहली बार ऐसा किया है।रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 78.7 प्रतिशत और शहरी क्षेत्रों में लगभग 97.1 प्रतिशत परिवारों ने बताया कि घर के अधिकांश सदस्य शौचालय का इस्तेमाल करते हैं। जिन लोगों ने शौचालय तक पहुंच की सूचना दी, उनमें से ग्रामीण क्षेत्रों में लगभग 97.5 प्रतिशत की उन्नत शौचालय तक पहुंच है, जबकि शहरी क्षेत्रों में लगभग 99 प्रतिशत की पहुंच बेहतर शौचालय तक है।