देश की सड़कों पर दौड़ रहे 15 साल से ज्यादा पुराने चार करोड़ वाहन, अब इन पर ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी
मौजूदा वक्त में देश की सड़कों पर 15 साल से ज्यादा पुराने चार करोड़ वाहन दौड़ रहे हैं। ये वाहन ग्रीन टैक्स यानी हरित कर के दायरे में आते हैं। इन वाहनों पर अब ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी है।
By Krishna Bihari SinghEdited By: Updated: Sun, 28 Mar 2021 11:12 PM (IST)
नई दिल्ली, पीटीआइ। मौजूदा वक्त में देश की सड़कों पर 15 साल से ज्यादा पुराने चार करोड़ वाहन दौड़ रहे हैं। इस मामले में कर्नाटक नंबर वन है। कर्नाटक की सड़कों पर 70 लाख 15 साल से ज्यादा पुराने वाहन दौड़ रहे हैं। ये वाहन ग्रीन टैक्स (Green Tax) यानी हरित कर के दायरे में आते हैं। इन वाहनों पर अब ग्रीन टैक्स (Green Tax) लगाने की तैयारी है। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक केंद्र सरकार ने ऐसे वाहनों पर ग्रीन टैक्स (Green Tax) लगाने का प्रस्ताव राज्यों को भेजा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने पूरे देश में ऐसे वाहनों के आंकड़ों को डिजिटइज्ड किया है। यह डिजिटल रिकॉर्ड केंद्रीयकृत वाहन डाटाबेस (Central Vehicle Database) पर आधारित है। हालांकि इनमें आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, तेलंगाना और लक्षद्वीप के आंकड़े शामिल नहीं हैं। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक 15 साल से ज्यादा पुराने जो चार करोड़ से अधिक वाहन सड़कों पर दौड़ रहे हैं उनमें से दो करोड़ 20 साल से अधिक पुराने हैं।
पुराने वाहनों के परिचालन के मामले में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है। आंकड़ों (Central Vehicle Database) के मुताबिक उत्तर प्रदेश में ऐसे वाहनों की संख्या 56.54 लाख है। इनमें से 24.55 लाख वाहन तो 20 साल से ज्यादा पुराने हैं। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सड़कों पर 49.93 लाख पुराने वाहन दौड़ रहे हैं। इस मामले में दिल्ली तीसरे स्थान पर है। आंकड़े बताते हैं कि दिल्ली में 35.11 लाख वाहन तो 20 साल से भी ज्यादा पुराने हैं।
सरकार इन पुराने वाहनों पर जल्द ग्रीन टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है। यह कदम पर्यावरण संरक्षण और प्रदूषण पर लगाने के लिए उठाया जा रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों पर ग्रीन टैक्स लगाने का प्रस्ताव दिया था। इस साल जनवरी में लाए गए प्रस्ताव को राज्यों के पास विचार के लिए भेजा गया है। हालांकि कुछ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश भिन्न दरों के आधार पर ग्रीन टैक्स लगा रहे हैं।