'तिरुमाला में केवल हिंदू कर्मचारी, लेकिन वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य चाहिए', केंद्र के प्रस्ताव पर ओवैसी ने उठाए सवाल
Asaduddin Owaisi on Waqf Amendment प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक में केंद्रीय वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करने के प्रावधान पर असदुद्दीन ओवैसी ने सवाल उठाए हैं। एआईएमआईएम प्रमुख ओवैसी ने कहा कि अगर मुस्लिम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के ट्रस्टी नहीं हो सकते तो वक्फ बोर्ड में कोई गैर-मुस्लिम कैसे हो सकता है।
एएनआई, हैदराबाद। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को मोदी सरकार के प्रस्तावित वक्फ संशोधन विधेयक की आलोचना की। साथ ही उन्होंने केंद्रीय वक्फ परिषद में दो गैर-मुस्लिम सदस्यों को अनिवार्य रूप से शामिल करने के प्रावधान पर सवाल उठाया।
ओवैसी ने कहा कि अगर मुस्लिम तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) के ट्रस्टी नहीं हो सकते तो वक्फ बोर्ड में कोई गैर-मुस्लिम कैसे हो सकता है। प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए हैदराबाद सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, 'TTD बोर्ड (तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम) के 24 सदस्यों में से एक भी सदस्य गैर-हिंदू नहीं है। TTD के नए चेयरमैन का कहना है कि वहां काम करने वाले लोग हिंदू होने चाहिए।'
ओवैसी ने जताई आपत्ति
ओवैसी ने कहा, 'हम इसके खिलाफ नहीं हैं, लेकिन हमें बस इस बात पर आपत्ति है कि नरेंद्र मोदी की सरकार वक्फ के प्रस्तावित बिल में कह रही है कि केंद्रीय वक्फ परिषद में 2 गैर-मुस्लिम सदस्यों का होना अनिवार्य कर दिया गया है। आप वक्फ बिल में यह प्रावधान क्यों ला रहे हैं? TTD हिंदू धर्म का बोर्ड है और वक्फ बोर्ड मुस्लिम धर्म का। समानता होनी चाहिए। जब TTD के ट्रस्टी मुस्लिम नहीं हो सकते तो वक्फ बोर्ड में गैर-मुस्लिम सदस्य कैसे हो सकता है?'#WATCH | Hyderabad: AIMIM chief and MP Asaduddin Owaisi says "...Not even a single member of the 24 members of TTD Board (Tirumala Tirupati Devasthanams) is a non-Hindu...The new Chairman of TTD says that the people working there should be Hindu...We are not against this, we just… pic.twitter.com/crnHr7PNYh
— ANI (@ANI) November 2, 2024
ओवैसी की यह टिप्पणी तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम के नए अध्यक्ष बीआर नायडू द्वारा गुरुवार को दिए गए बयान के बाद आई है। नायडू ने कहा था कि वे तिरुमाला में काम करने वाले अन्य धर्मों के कर्मचारियों के बारे में सरकार के साथ चर्चा करेंगे और इस बात पर विचार करेंगे कि उन्हें अन्य विभागों में स्थानांतरित किया जाए या स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दी जाए।
अन्य धर्मों के लोगों के बारे में बात करूंगा: नायडू
नायडू ने कहा, 'हम अक्सर तिरुमाला जाते थे। मैं चंद्रबाबू नायडू और एनडीए नेताओं को मुझे नियुक्त करने के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं इसे अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ मानता हूं। पिछली सरकार ने वहां बहुत सारी गलतियां कीं। मैं 5 साल में एक बार भी तिरुमाला नहीं गया, क्योंकि मुझे लगा कि इसकी पवित्रता नहीं है। मैं वहां सिर्फ काम करना चाहता हूं, किसी चीज को हासिल करने के इरादे से नहीं। मैं सरकार से तिरुमाला में काम करने वाले अन्य धर्मों के लोगों के बारे में पहली प्राथमिकता पर बात करूंगा कि उन्हें अन्य विभागों में स्थानांतरित किया जाए या उन्हें वीआरएस दिया जाए।'गौरतलब है कि वक्फ अधिनियम 1995, जिसे वक्फ संपत्तियों को विनियमित करने के लिए बनाया गया था, पर लंबे समय से कुप्रबंधन, भ्रष्टाचार और अतिक्रमण के आरोप लगे हैं। वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024, जिसे इस साल अगस्त में लोकसभा में पेश किया गया था, का उद्देश्य अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्तियों को वापस पाने के लिए डिजिटलीकरण, सख्त ऑडिट, पारदर्शिता और कानूनी तंत्र की शुरुआत करते हुए व्यापक सुधार लाना है।