Padma Awards 2024: पद्म पुरस्कारों में दिखा सामाजिक न्याय, OBC, SC, ST... सभी वर्गों का रखा गया ध्यान
गुरुवार को घोषित पद्म पुरस्कार यूं तो उनकी उपलब्धियों के लिए दिए गए हैं लेकिन वहां सामाजिक न्याय भी देखने को मिला। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए जिन 132 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है उनमें 40 ओबीसी 11 अनुसूचित जाति और 15 अनुसूचित जनजाति से आते हैं। पुरस्कारों में अल्पसंख्यक वर्गों का भरपूर प्रतिनिधित्व देखने को मिला।
नीलू रंजन, नई दिल्ली। गुरुवार को घोषित पद्म पुरस्कार यूं तो उनकी उपलब्धियों के लिए दिए गए हैं लेकिन वहां सामाजिक न्याय भी देखने को मिला। समाज के विभिन्न क्षेत्रों में योगदान के लिए जिन 132 व्यक्तियों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, उनमें 40 ओबीसी, 11 अनुसूचित जाति और 15 अनुसूचित जनजाति से आते हैं। पुरस्कारों में अल्पसंख्यक वर्गों का भरपूर प्रतिनिधित्व देखने को मिला।
सरकार ने सभी वर्गों का रखा ध्यान
पुरस्कार पाने वालों में नौ ईसाई, आठ मुस्लिम, पांच बौद्ध, तीन सिख, दो-दो जैन व पारसी और दो स्थानीय मूल धर्म से आते हैं। दो दिन पहले भारत रत्न से सम्मानित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री कर्पूरी ठाकुर अति पिछड़े वर्ग से आते हैं। दरअसल 2014 में सत्ता में आने के बाद से मोदी सरकार पद्म पुरस्कारों को आम जन से जोड़ने की कोशिश करती रही है। इसके लिए समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले ऐसे अनजान लोगों को पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया जाता रहा है, जिन्होंने अथक परिश्रम और संकल्प से जमीन पर परिवर्तन लाया है।
इसका असर अब पद्म पुरस्कारों के लिए आने वाले नामांकनों में देखा जा सकता है। इस बार रिकार्ड 60 हजार नामांकन आए, जो 2014 की तुलना में 28 गुना अधिक है। ये पद्म पुरस्कारों के जनता का पुरस्कार बन जाने का प्रमाण है। 250 विशेषज्ञों के परामर्श और कई दौर के सलाह मशविरे के बाद 132 लोगों का चयन किया गया।
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पुरस्कृत होने वालों में 49 की उम्र 80 साल से अधिक
सामाजिक कामों में पूरा जीवन खपा देने वालों के योगदान को पद्म पुरस्कारों के माध्यम से पहचान मिली। 80 साल से अधिक उम्र के 49 लोगों को पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया है। इनमें 31 की उम्र 85 साल से अधिक, 15 की उम्र 90 साल से अधिक और तीन की उम्र सौ साल से भी अधिक है। पद्म पुरस्कारों के माध्यम से उनके जीवन पर्यंत किये कार्यों को सम्मान मिला।इस बार 10 ऐसे जिलों से पद्म पुरस्कारों के लिए चयन किया गया, जिनमें आजादी के बाद से अब तक किसी को भी पद्म पुरस्कार नहीं मिला था। इसी तरह से पद्म पुरस्कार पाने वाल 32 राज्यों के 89 जिलों से आते हैं। यही नहीं, बड़े-बड़े शहरों के बजाय छोटे-छोटे कस्बों और दूर-दराज के इलाकों में काम करने वालों भी पद्म पुरस्कारों की सूची में स्थान मिला है।