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Pakistan Election: अस्थिर सरकार के पीएम के तौर पर बंधे रहेंगे नवाज के हाथ, पाकिस्तान सेना के हाथ में ही होगी गठबंधन की चाबी

पाकिस्तान में जो आसार बन रहे हैं उससे इस बात की संभावना है कि नवाज शरीफ की अगुवाई में ही एक मिली-जुली सरकार बनेगी। हालांकि एक कमजोर गठबंधन होने की वजह से सरकार की चाबी पाकिस्तान सेना के हाथ में ही होगी। भारत के कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि नवाज शरीफ का फिर से प्रधानमंत्री बनना भारत के साथ रिश्तों के हिसाब से एक सकारात्मक पहलू हो सकता है।

By Jagran News Edited By: Sonu Gupta Updated: Fri, 09 Feb 2024 09:48 PM (IST)
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अस्थिर सरकार के पीएम के तौर पर बंधे रहेंगे नवाज के हाथ। फोटोः एपी।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। 08 फरवरी, 2024 को पाकिस्तान में हुए आम चुनाव के परिणाम को लेकर जो तथ्य सामने आ रहे हैं उससे यह तो साफ है कि वहां की पूरी चुनाव प्रक्रिया पर कोई भरोसा नहीं कर सकता।

चुनाव परिणाम के बाद की स्थिति क्या होती है इसका खुलासा शुक्रवार को देर रात या शनिवार को होने की संभावना है, लेकिन जो आसार बन रहे हैं उससे इस बात की संभावना है कि नवाज शरीफ की अगुवाई में ही एक मिली-जुली सरकार बनेगी। हालांकि, एक कमजोर गठबंधन होने की वजह से सरकार की चाबी पाकिस्तान सेना के हाथ में ही होगी।

भारत- पाकिस्तान के रिश्तों पर कूटनीतिक जानकारों ने क्या कहा?

भारत के कूटनीतिक जानकारों का कहना है कि नवाज शरीफ का फिर से प्रधानमंत्री बनना भारत के साथ रिश्तों के हिसाब से एक सकारात्मक पहलू हो सकता है लेकिन अस्थिर राजनीतिक हालात की वजह से इस बारे में बात आगे बढ़ेगी, ऐसा कहना ठीक नहीं होगा। साथ ही कमजोर गठबंधन होने की वजह से हर विषय में पाकिस्तान की सेना की ही चलेगा।

वोटिंग से पहले भी और बाद में हुआ बाहरी हस्तक्षेप

पाकिस्तान में पूर्व उच्चायुक्त अजय बिसारिया का कहना है कि जिस तरह की प्रक्रिया पिछले 24 घंटे के दौरान पड़ोसी देश में हुई है उससे साफ है कि वहां वोटिंग से पहले भी और बाद में भी बाहरी हस्तक्षेप हुआ है। लेकिन इसमें कोई आश्चर्य नहीं है। खास तौर पर जो लोग पाकिस्तान को करीब से देख चुके हैं वह जानते हैं कि वहां चुनाव किस तरह से करवाये जाते हैं।

पाकिस्तान की सेना के मुताबिक निकल सकता है परिणाम

हां, इस बार इमरान खान की पार्टी (पीटीआई) के समर्थक स्वतंत्र उम्मीदवार नतीजों में जिस तरह से पहले आगे चल रहे थे उससे यह संदेश देने की कोशिश हुई है कि वहां चुनाव निष्पक्ष कराये गये हैं और इससे पीटीआई के कारिंदों को कुछ गलतफहमी भी हुई है लेकिन यह दूर होने लगी है। असलियत यहीं है कि पाकिस्तान की सेना जैसा चाहती है वैसा परिणाम निकालने जा रही है।

पाकिस्तान में गठबंधन सरकार बनने की संभावना

इस बात की संभावना है कि एक गठबंधन सरकार बनेगी। पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज इसमें आगे रहेगी और इसके नेता पूर्व पीएम नवाज शरीफ फिर से पीएम बनेंगे। लेकिन इस गठबंधन सरकार का मुख्य कर्ता-धर्ता पाकिस्तान की सेना होगी। यह पूछे जाने पर कि भारत के साथ किस तरह से रिश्ते होंगे, इस पर बिसारिया का कहना है कि शरीफ फिर से पीएम बनते हैं तो यह भारत के साथ रिश्तों के लिए सही संकेत होगा। लेकिन बहुत कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि पाकिस्तान सेना क्या चाहती है। मुझे लगता है कि रिश्तों को सुधारने का संकेत पाकिस्तान को ही करना होगा।

 नवाज शरीफ पीएम बने तो कैसे होंगे भारत के साथ रिश्ते?

सनद रहे कि पूर्व में भी जब नवाज शरीफ पीएम बने हैं तब भारत के साथ रिश्तों में तनाव घटाने में मदद मिली है। पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी की लाहौर बस यात्रा के दौरान शरीफ पीएम थे। उसके बाद पीएम नरेन्द्र मोदी ने भी पीएम शरीफ पर तब भरोसा किया था जब वर्ष 2015 में शरीफ के घर शादी में मोदी उनके लाहौर स्थित घर पहुंच गये थे। इस बार भी ऐसा होगा या नहीं, इसके लिए अभी इंतजार करना होगा।

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नवाज शरीफ पीएम बने तो क्या बदलेगा पाकिस्तान का हाल?

संकेत यह है कि पाक सेना भारत के साथ रिश्तों को लेकर अभी से शरीफ पर दबाव बनाने की रणनीति अपना रखी है। तभी पीएमएल-एन के चुनावी घोषणा-पत्र में यह कहा गया है कि भारत जब तक कश्मीर में धारा-370 लागू नहीं करेगा तब तक उसके साथ रिश्ते सामान्य नहीं बनाये जा सकते। भारत के विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान की चुनाव प्रक्रिया पर कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारी वहां हालात में बहुत बदलाव की संभावना नहीं देख रहे।

भारत की नीति में नहीं होगा कोई बदलाव

विदेश मंत्रालय का आकलन है कि जो राजनीतिक अस्थिरता पिछले दो-तीन वर्षों से पड़ोसी देश में है वह इस चुनाव के बाद भी जारी रहेगी। पाक को लेकर भारत की नीति में कोई बदलाव आने की संभावना नहीं है। आधिकारिक तौर पर भारत यह कहता रहा है कि पाकिस्तान जब तक आतंकवाद को बढ़ावा देना बंद नहीं करता तब तक उसके साथ रिश्ते सामान्य नहीं हो सकते लेकिन वहां की राजनीतिक अस्थिरता एक बड़ी वजह है कि भारत कोई दांव नहीं लगाता।

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शरीफ परिवार के चार सदस्य पहुंचे संसद में

पाकिस्तान में शरीफ परिवार के चार सदस्य इस बार नेशनल असेंबली में पहुंचे हैं। नवाज शरीफ के अतिरिक्त उनके छोटे भाई व पूर्व प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने लाहौर की एनए (नेशनल असेंबली) 123 सीट से चुनाव जीता है। शहबाज शरीफ पीएमएल एन के अध्यक्ष भी हैं।

नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज और शहबाज शरीफ के बेटे हमजा शहबाज ने भी लाहौर दो अलग-अलग संसदीय सीटों से चुनाव जीता है, जबकि पाकिस्तान के दूसरे प्रमुख राजनीतिक भुट्टो-जरदारी परिवार से बिलावल भुट्टो के अतिरिक्त उनके पिता और पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी शहीद बेनजीराबाद सीट से चुनाव जीते हैं। जबकि बिलावल भुट्टो ने दो सीटों- शाहदादकोट और लरकाना से चुनाव जीता है।