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भारत दौरे पर आएंगे पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो, 2014 के बाद पहली बार कोई PAK नेता करेगा यात्रा

Bilawal Bhutto India Visit पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी अगले महीने भारत दौरे पर आने वाले हैं। पाक विदेश मंत्री गोवा में आयोजित होने वाले विदेश मंत्रियों की शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

By AgencyEdited By: Mahen KhannaUpdated: Thu, 20 Apr 2023 02:50 PM (IST)
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Bilawal Bhutto India Visit बिलावल भुट्टो जरदारी
नई दिल्ली, एजेंसी। Bilawal Bhutto India Visit पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी 4 और 5 मई को भारत दौरे पर आएंगे। पाक विदेश मंत्री गोवा में आयोजित होने वाले विदेश मंत्रियों की शंघाई सहयोग संगठन (SCO Summit) की बैठक में पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करेंगे।

कई दिनों से अधर में था फैसला

बिलावल के भारत दौरे को लेकर पाक ने बीते कई दिनों से कोई भी साफ राय नहीं रखी थी। पाक का कहना था कि बिलावल भारत आएंगे या नहीं इसपर अभी फैसला नहीं हुआ है। हालांकि, अब पाक के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता मुमताज जाहरा बलोच ने साफ किया कि वो भारत आ रहे हैं।

जयशंकर के आमंत्रण पर आने की बात

मुमताज ने कहा कि पाकिस्तान के विदेश मंत्री इसलिए बैठक में शामिल हो रहे हैं, क्योंकि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने उन्हें एससीओ बैठक में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया था। बलूच ने कहा कि बैठक में हमारी भागीदारी एससीओ चार्टर और प्रक्रियाओं के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धता और पाकिस्तान द्वारा अपनी विदेश नीति की प्राथमिकताओं के महत्व को दर्शाती है।

पाक नेता का 2014 के बाद पहला दौरा  

यह 2014 के बाद में किसी भी पाकिस्तानी नेता द्वारा भारत का दौरा होगा। बता दें कि फरवरी 2019 में पुलवामा आतंकी हमले के जवाब में भारत के युद्धक विमानों ने पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी प्रशिक्षण शिविर को उड़ा दिया था, जिसके बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध गंभीर रूप से तनावपूर्ण हो गए थे।

इसके बाद अगस्त 2019 में भारत द्वारा जम्मू और कश्मीर से धारा 370 को हटाए जाने और तत्कालीन राज्य को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा देने के बाद दोनों देशों के संबंध और बिगड़ गए थे।

2001 में SCO की स्थापना

एससीओ की स्थापना 2001 में रूस, चीन, किर्गिज गणराज्य, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपतियों द्वारा शंघाई में एक शिखर सम्मेलन में की गई थी। हाल के वर्षों में, यह सबसे बड़े अंतरक्षेत्रीय अंतर्राष्ट्रीय संगठनों में से एक के रूप में उभरा है। भारत और पाकिस्तान 2017 में एससीओ के स्थायी सदस्य बने।