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Imran Khan: चुनाव से पहले मुश्किलों में घिरे इमरान खान, सिफर मामले के बाद अब इस केस में हुई जेल; राजनीतिक करियर पर मंडराया संकट

Pakistan News धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश के मामले में पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (Former PM imran Khan) और उनकी पत्नी बुशरा बीबी (Bushra Bibi) को 14 साल की सजा सुनाई गई है। यह फैसला 8 फरवरी को होने वाले आम चुनाव से पहले सुनाया गया। इन मामलों के अलावा इमरान खान पर अभी भी 150 से अधिक मामलों पर सुनवाई चल रही है।

By Babli Kumari Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 31 Jan 2024 04:14 PM (IST)
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पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (जागरण ग्राफिक्स)
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को आम चुनाव से दो सप्ताह से भी कम समय पहले मंगलवार को सिफर मामले में 10 साल की सजा सुनाई गई। ठीक एक दिन बाद, यानि आज एक दूसरे मामले में इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को सरकारी उपहारों की अवैध बिक्री से जुड़े तोशाखाना मामले में 14 साल जेल की सजा सुनाई गई है।

एक के बाद एक मामले में इमरान खान दोषी साबित हो रहे हैं। हालांकि, अतीत में भी कई अदालती मामले और कानूनी चुनौतियां रही हैं जिनमें वह और उनकी राजनीतिक पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) शामिल रहे हैं। इन मामलों में चुनावी कदाचार के आरोपों से लेकर भ्रष्टाचार के आरोप तक शामिल हैं। सिफर मामले और तोशाखाना केस में पूर्व प्रधानमंत्री दोषी पाए गए और जिसमें उन्हें एक में 10 साल और एक में 14 साल की सजा सुनाई गई है। आइए जानते हैं ऐसे कितने मामले हैं जिसमें अभी भी सुनवाई होनी है।

क्या है सिफर केस?

सिफर केस पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। यह मामला पहली बार 27 मार्च, 2022 को सामने आया था। सत्ता से बेदखल होने के बाद इमरान खान ने एक रैली के दौरान कुछ कागजात जनता के सामने दिखाए थे। उन्होंने इन सभी कागजातों को दिखाते हुए दावा किया था कि उन्हें सत्ता से हटाने के लिए अंतरराष्ट्रीय ताकतों द्वारा साजिश रची गई थी। इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने गुप्त जानकारी का निजी इस्तेमाल किया था। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के अलावा पार्टी के नेता शाह महमूद कुरैशी को भी 10 साल की सजा सुनाई गई है।

क्या है तोशाखाना केस?

तोशाखाना सरकार का ऐसा विभाग है जहां प्रधानमंत्री को अन्य देशों के दौरे से प्राप्त उपहारों को रखा जाता है। यह सभी उपहार राष्ट्रप्रमुखों और विदेशी मेहमानों द्वारा दिए गए बेशकीमती गिफ्ट्स होते हैं। इन उपहारों को लेकर नियम है कि है जब यह सत्ता में रह रहे सरकार को मिले तो उसे तोशाखाना में रखा जाना जरूरी है।

जब साल 2018 में इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने अपने सत्ता के दौरान अलग-अलग देशों का दौरा किया और उन यात्राओं में उन्हें जो भी महंगे गिफ्ट्स मिले उन्होंने इन सभी गिफ्ट्स को तोशाखाना से मुनाफे के दाम पर बेच दिया। इस मामले में उनकी सरकार भी शामिल रही। इस मामले में अब इमरान खान और उनकी पत्नी बुशरा बीबी को बुधवार को कोर्ट द्वारा सजा सुनाया गया। तोशाखाना मामले में स्पेशल कोर्ट का फैसला बुधवार को आम चुनाव से ठीक आठ दिन पहले आया है।

आगे क्या रहेगा इमरान खान और पार्टी का रुख?

दोनों मामले में हुई सुनवाई और दी गई सजा से इमरान खान की पार्टी खुश नहीं है। पीटीआई ने कहा कि वह इस फैसले को चुनौती देगी। इमरान खान के वकील नईम पंजुथा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (जो पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर पोस्ट किया, "हम इस गैरकानूनी फैसले को स्वीकार नहीं करते हैं।"

खान के खिलाफ क्या हैं अन्य आरोप ?

सिफर मामला और तोशाखाना केस पूर्व प्रधानमंत्री खान के खिलाफ लंबित 150 से अधिक मामलों में से एक है। साल 2022 में संसदीय अविश्वास प्रस्ताव में सत्ता से बेदखल होने के बाद से इमरान खान दर्जनों मामले लड़ रहे हैं। अन्य आरोपों में अदालत की अवमानना से लेकर "आतंकवाद" और हिंसा भड़काना शामिल है।

क्या खान फरवरी चुनाव के लिए हैं योग्य?

तोशाखाना मामले के कारण पाकिस्तान चुनाव आयोग (ईसीपी) ने निर्णय लिया और खान को पांच साल के लिए सार्वजनिक पद संभालने से अयोग्य घोषित कर दिया। इसके अतिरिक्त, ईसीपी ने उनकी पार्टी पीटीआई को मतपत्र पर अपने चुनाव चिन्ह का उपयोग करने से भी रोक दिया है।

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