Qila Katas: श्री कटासराज धाम मंदिरों के दर्शन करेंगे 114 हिंदू तीर्थयात्री, पाकिस्तान ने जारी किया वीजा
लाहौरा-इस्लामाबाद मोटर-वे पर चकवाल जिले में स्थित श्री कटासराज मंदिर का ज्ञात इतिहास 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। ऐसे में हिंदुओं की आस्थाएं यहां से जुड़ी हुई हैं। इस मंदिर का दर्शन करने के लिए 114 भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों को वीजा दिया गया है।
By Jagran NewsEdited By: Anurag GuptaUpdated: Wed, 15 Feb 2023 03:37 PM (IST)
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। पाकिस्तान स्थित श्री कटासराज धाम मंदिरों के दर्शन करने के लिए 114 भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों को वीजा दिया गया है। भारत में पाकिस्तान उच्चायोग ने यह जानकारी दी।
आपको बता दें कि विभाजन से पहले श्री कटासराज मंदिर के आसपास का क्षेत्र हिंदू बाहुल्य हुआ करता था। हालांकि, विभाजन के बाद स्थिति बदल गई और हिंदू विस्थापित हो गए। यहां पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान, तक्षशिला के अलावा अफगानिस्तान के हिंदू आकर माथा टेकते थे।
हिंदू तीर्थयात्री करेंगे पवित्र स्थान का दौरा
भारत में पाकिस्तान उच्चायोग ने बताया कि पाकिस्तान के उच्चायोग ने 16 से 22 फरवरी 2023 तक पंजाब के चकवाल जिले में स्थित श्री कटासराज धाम मंदिर की यात्रा के लिए भारतीय हिंदू तीर्थयात्रियों के एक समूह को 114 वीजा जारी किए हैं। श्री कटासराज मंदिर को किला कटास के नाम से भी जाना जाता है।@PakinIndia has issued 114 visas to a group of Indian Hindu pilgrims for their visit to the prominent and sacred Shree Katas Raj Temples, also known as Qila Katas, in Chakwal district of Punjab from 16-22 February 2023.@ForeignOfficePk@salmansharif_pk
— Pakistan High Commission India (@PakinIndia) February 15, 2023
पाकिस्तान सरकार के अधिकारी सलमान शरीफ ने कहा कि पाकिस्तान पवित्र धार्मिक स्थलों के संरक्षण और सभी धर्मों के तीर्थयात्रियों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कभी हिंदू बाहुल्य था पाकिस्तान स्थित श्री कटासराज मंदिर का क्षेत्र, जानें इसका ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व
अमृत कुंड की कहानी है खास
श्री कटासराज मंदिर लाहौरा-इस्लामाबाद मोटर-वे पर चकवाल जिले में स्थित है। इस मंदिर का इतिहास करीब 1000 साल से भी ज्यादा पुराना है। यहां पर भगवान शिव का मंदिर है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, जब मां पार्वती सती हुईं तो भोलेनाथ के आंखों से आंसू की दो बूदें गिरी थीं। जिनमें से एक कटासराज तो दूसरी पुष्कर में गिरी थी। इसी आंसू से यहां पर पवित्र अमृत कुंड का निर्माण हुआ था।
ICC Rankings: टीम इंडिया सभी प्रारूपों में बनी नंबर-1, भारतीय क्रिकेट इतिहास में पहली बार हुआ ये कारनामापलामू में महाशिवरात्रि के तोरणद्वार पर 2 समुदायों में हिंसा, धार्मिक स्थल से पत्थरबाजी, घर-मकान-दुकान फूंके गए