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डोजियर में शामिल आतंकियों को अब नई आतंकी सूची में शामिल करने का पाकिस्तान कर रहा दिखावा

भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि शर्म-अल-शेक (मिस्र) पाकिस्तान के पूर्व पीएम यूसुफ रजा गिलानी और तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के बीच हुई बेहद चर्चित मुलाकात में एक डोजियर भारत को सौंपा गया था ।

By Dhyanendra SinghEdited By: Updated: Fri, 13 Nov 2020 07:23 PM (IST)
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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की फाइल फोटो
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एफआइटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) के आर्थिक प्रतिबंध से बचने के लिए पाकिस्तान ने मुंबई हमले की साजिश रचने वाले आतंकियों के नाम एक नई सूची में शामिल तो कर ली है, लेकिन इसे उसकी नीयत में बदलाव के तौर पर कतई नहीं देखा जाना चाहिए। मुंबई हमले की जांच कर रही पाकिस्तान की फेडरल जांच एजेंसी (FIA) की इस सूची की हकीकत इस बात से समझी जा सकती है कि वर्ष 2009 में पाकिस्तान ने मुंबई हमले को लेकर एक डोजियर (जांच की फाइल) भारत को दिया था, जिसमें तकरीबन वे सारे नाम थे, जिन्हें अब एफआइए की सूची में दिखाया जा रहा है। साफ है कि 11 वर्ष पहले भी पाकिस्तान की एजेंसियों को मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं के बारे में सब कुछ पता था, लेकिन उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई है। उक्त डोजियर में भी पाकिस्तान ने इनमें से कई आतंकियों के बारे में कहा था कि उनका कोई पता नहीं है और अब भी उनको गायब ही बताया जा रहा है।

दोनों देशों की तरफ से जारी बयान में इस डोजियर का था जिक्र

भारतीय खुफिया एजेंसियों के सूत्रों का कहना है कि शर्म-अल-शेक (मिस्र) पाकिस्तान के पूर्व पीएम यूसुफ रजा गिलानी और तत्कालीन पीएम मनमोहन सिंह के बीच हुई बेहद चर्चित मुलाकात में एक डोजियर भारत को सौंपा गया था। इस डोजियर का जिक्र दोनो देशों की तरफ से जारी संयुक्त बयान में भी था। इसमें कहा गया था कि, ''पीएम सिंह ने मुंबई हमले की साजिश रचने वालों को शीघ्रता से सजा दिलाने की मांग की थी। गिलानी ने आश्वस्त किया था कि पाक हरमुमकिन कोशिश करेगा। पाकिस्तान ने जांच से संबंधित नया डोजियर भारत को सौंपा है। भारत ने इसका अध्ययन किया जाएगा।'' इस डोजियर में मोहम्मद अमजद खान, इफ्तिखार अली, शाहिद गफूर, हम्मान अमीन सादिक, अब्दुल वाजिद, अब्दुल रहमान, मोहम्मद उस्मान, अतीक-उर-रहमान समेत 13 आतंकियों के नाम शामिल थे। डोजियर में इन्हें लापता बताया गया था। दो दिन पहले पाकिस्तान की जांच एजेंसी एफआइए ने जो सबसे कुख्यात आतंकियों की जो नई सूची शामिल की है उसमें मुंबई हमले से जुड़े 19 आतंकियों के नाम शामिल हैं और उक्त सभी 13 नाम भी इसमें हैं। इन्हें पाकिस्तान एजेंसी अब भी लापता बता रही है।

भारत ने हाफिज सईद का नाम शामिल करने का उठाया था मुद्दा

पाकिस्तान की इस रवैये को भांपते हुए ही भारत ने मुंबई हमले के आतंकियों के नाम सूची में शामिल करने की कोशिश को एक सिरे से खारिज कर दिया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसमें मुंबई हमले के प्रमुख साजिशकर्ता व संयुक्त राष्ट्र की तरफ से नामिक आतंकी हाफिज सईद का नाम शामिल होने का मुद्दा भी उठाया है। भारत ने यह भी कहा है कि पाकिस्तान को मुंबई हमले की साजिश रचने वाले एक-एक व्यक्ति के बारे में पता है, लेकिन वह उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है। सूत्रों का कहना है पाकिस्तान सरकार ने नई सूची में मुंबई हमले के साजिशकर्ताओं का नाम एफएटीएफ के भय से किया है। एफएटीएफ की अक्टूबर, 2020 में हुई बैठक में पाकिस्तान को फरवरी, 2021 तक का समय दिया गया है कि वह आतंकी संगठनों के खिलाफ ठोस कार्रवाई करे। अभी पाकिस्तान एफएटीएफ की निगरानी सूची में है। अगर वह फरवरी, 2021 तक उचित कदम नहीं उठाता है तो उसे इसका भारी आर्थिक खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।

मुंबई हमले की जांच के लिए पाकिस्तान की एफआइए ने एक समिति बनाई थी। इसकी प्रारंभिक रिपोर्ट वर्ष 2009 में ही सरकार को सौंप दी गई थी। हालांकि, आज तक इस मामले को तमाम कानूनी पचड़ों में फंसा कर रखा गया है। पाकिस्तान की कानूनी टीम ने वर्ष 2012 और वर्ष 2013 में बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद भारत का दौरा किया था, ताकि जांच के नाम पर दुनिया भर को गुमराह जा सके। अभी इस्लामाबाद हाई कोर्ट में यह मामला चल रहा है। जनवरी, 2019 में हाई कोर्ट ने फेडरल जांच एजेंसी को 19 लापता लोगों को पकड़ने के लिए और वक्त देने का फैसला किया था। उसके बाद से कानूनी कार्रवाई ठप्प पड़ी हुई है।