'184 मछुआरों को कैद से रिहा करे पाकिस्तान...' भारतीय कैदियों की रिहाई पर भारत ने पाक को याद दिलाया पुराना समझौता
भारत ने सोमवार को पाकिस्तान से 184 भारतीय मछुआरों की जेल की सजा पूरी होने के मद्देनजर उनकी रिहाई और स्वदेश वापसी में तेजी लाने को कहा है। वर्ष 2008 के एक समझौते के तहत प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में एक जनवरी और एक जुलाई को ऐसा करने की प्रथा है। इस दिन दोनों देशों द्वारा नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूचियों के आदान-प्रदान के संदर्भ में अनुरोध किया जाता है।
पीटीआई, नई दिल्ली। भारत ने सोमवार को पाकिस्तान से 184 भारतीय मछुआरों की जेल की सजा पूरी होने के मद्देनजर उनकी रिहाई और स्वदेश वापसी में तेजी लाने को कहा है। साथ ही हिरासत में बंद 12 अन्य कैदियों को तत्काल राजनयिक पहुंच प्रदान करने के लिए कहा है, जिनके बारे में माना जाता है कि वे भारतीय हैं।
वर्ष 2008 के एक समझौते के तहत प्रत्येक कैलेंडर वर्ष में एक जनवरी और एक जुलाई को ऐसा करने की प्रथा है। इस दिन दोनों देशों द्वारा नागरिक कैदियों और मछुआरों की सूचियों के आदान-प्रदान के संदर्भ में अनुरोध किया जाता है। भारत ने हिरासत में बंद 337 पाकिस्तानी कैदियों और 81 मछुआरों की सूची साझा की है।
47 भारतीय कैदियों और 184 मछुआरों की सूची साझा की
इसी तरह पाकिस्तान ने 47 भारतीय कैदियों और 184 मछुआरों की सूची साझा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार के निरंतर प्रयासों के परिणामस्वरूप 2014 से 2,639 भारतीय मछुआरों और 67 भारतीय नागरिक कैदियों को पाकिस्तान से वापस लाया गया है। परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची साझा कीभारत और पाकिस्तान ने सोमवार को परमाणु प्रतिष्ठानों की सूची का आदान-प्रदान किया।यह एक द्विपक्षीय समझौते के अंतर्गत हुई है, जो दोनों पक्षों को एक-दूसरे के परमाणु संयंत्रों पर हमला करने से रोकता है। यह परंपरा करीब तीन दशकों से जारी है। समझौते पर 31 दिसंबर 1988 को हस्ताक्षर किए गए थे और यह 27 जनवरी 1991 को लागू हुआ। यह दोनों देशों को पहली जनवरी को परमाणु प्रतिष्ठानों और सुविधाओं के बारे में एक-दूसरे को सूचित करने का आदेश देता है। यह दोनों देशों के बीच लगातार 33वां आदान-प्रदान है। पहला आदान-प्रदान एक जनवरी 1992 को हुआ था।
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