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दिव्यांग महिला खिलाड़ी से स्पाइस जेट कर्मियों ने किया दु‌र्व्यवहार!

टेनिस खिलाड़ी ने इस बारे में एयरपोर्ट निदेशक के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। निजी एयरलाइन ने दिव्यांग महिला खिलाड़ी के आरोपों का खंडन किया है।

By Tilak RajEdited By: Updated: Tue, 15 Aug 2017 10:12 AM (IST)
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दिव्यांग महिला खिलाड़ी से स्पाइस जेट कर्मियों ने किया दु‌र्व्यवहार!

नई दिल्ली, एजेंसी। स्वतंत्रता दिवस से ठीक एक दिन पहले सोमवार को एक दिव्यांग महिला खिलाड़ी को विमान से जबरिया उतार दिया गया। व्हीलचेयर टेनिस खिलाड़ी मधु बागरी ने निजी एयरलाइन स्पाइस जेट के कर्मचारियों पर दु‌र्व्यवहार कर विमान से बाहर निकालने का आरोप लगाया है। वह तिरपति से हैदराबाद तक की यात्रा करना चाहती थीं। विमान कंपनी ने आरोपों का खंडन किया है।

बागरी के अनुसार, सोमवार सुबह 8.25 बजे उड़ान भरने वाले स्पाइस जेट विमान में उन्होंने टिकट बुक कराई थी। लेकिन व्हीलचेयर के विमान के गलियारे में फिट नहीं होने के कारण वह अपनी सीट तक नहीं पहुंच पा रही थीं। इसको लेकर उनकी विमान कर्मचारियों से बहस हो गई। बकौल मधु, 'विमान का गलियारा व्हीलचेयर के हिसाब से चौड़ा नहीं था। मुझसे कहा गया कि चल या रेंग कर तीसरी कतार में अपनी सीट तक जाओ। जब मैंने कर्मचारियों से पहली कतार में सीट देने का आग्रह किया तो उन्होंने कहा कि ये इमरजेंसी सीट है और दिव्यांग लोग इस पर बैठने के लिए प्रतिबंधित हैं। इसके बाद सामान सहित मुझे विमान से उतार दिया गया।'

टेनिस खिलाड़ी ने इस बारे में एयरपोर्ट निदेशक के समक्ष शिकायत दर्ज कराई है। निजी एयरलाइन ने दिव्यांग महिला खिलाड़ी के आरोपों का खंडन किया है। कंपनी के एक प्रवक्ता का कहना है, 'विमान में पहुंचने के बाद से ही यात्री ने पहली कतार में सीट के लिए जिद करनी शुरू कर दी। क्यू 400 बांबार्डियर विमान की पहली कतार की सभी सीटें आपातकालीन निकास की श्रेणी में आती हैं। इसलिए डीजीसीए के नियमों के मुताबिक, इन सीटों पर दिव्यांग व्यक्ति को बैठने की इजाजत नहीं दी जा सकती है।'

प्रवक्ता के अनुसार, उड़ान में देरी होने के कारण बागरी को विमान से उतार दिया गया। इस दौरान उनसे कोई दु‌र्व्यवहार नहीं किया गया। स्पाइस जेट की महिला कर्मचारियों ने उन्हें विमान से उतरने में मदद की। इसके बाद महिला खिलाड़ी को शाम साढ़े चार बजे स्पाइस जेट के बोइंग विमान से यात्रा करने की पेशकश की गई। यह भी बताया गया कि उसमें उनके लिए पहली कतार में सीट आरक्षित कर दी गई है। इसके बावजूद वह अपने गुस्से पर काबू नहीं रख सकीं। आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करती रहीं।