Maharashtra political crisis: अनिल देशमुख के साथ खड़े हुए शरद पवार, मंत्री जयंत पाटिल ने कहा, इस्तीफे की जरूरत नहीं
परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद सियासत तेज हो गई है। चिट्ठी में एनसीपी नेता और गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाझे से वसूली करवाने का आरोप है। इन आरोपों के बाद अनिल देशमुख पर इस्तीफे का दबाव बन गया है।
By Sanjeev TiwariEdited By: Updated: Sun, 21 Mar 2021 09:20 PM (IST)
नई दिल्ली, एएनआई। मुंबई के अंटीलिया प्रकरण की जांच के बीच मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से हटाए गए परमबीर सिंह ने अपने एक लेटर से महाराष्ट्र की राजनीति गरम हो गई है। सीएम उद्धव ठाकरे को लिखी गई परमबीर सिंह की चिट्ठी के बाद सियासत तेज हो गई है। चिट्ठी में एनसीपी नेता और गृहमंत्री अनिल देशमुख पर सचिन वाझे से वसूली करवाने का आरोप है। इन आरोपों के बाद दिल्ली में शरद पवार के घर रविवार रात महाविकास अघाड़ी के नेताओं की बैठक हुई। इसमें सुप्रिया सुले, प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार मौजूद रहे। बैठक के बाद मंत्री जयंत पाटिल ने कहा कि अनिल देशमुख का इस्तीफा नहीं लिया जाएगा। देशमुख के इस्तीफे की जरूरत नहीं है। मामले की जांच महाराष्ट्र एटीएस और एनआइए कर रही है।
इससे पहले एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि गृहमंत्री पर जो आरोप लगाए गए हैं, वो गंभीर हैं और उनके खिलाफ फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लेना है और इस पर एक-दो दिनों में बातचीत करके फैसला ले लिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यहां आने से पहले इस विषय पर मुख्यमंत्री ठाकरे से बातचीत हुई है।
शरद पवार ने परमबीर सिंह पर उठाए सवाल
पवार ने पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह की आरोपों वाली चिट्ठी को लेकर कहा कि 'पत्र में 100 करोड़ वसूलने के लिए कहा गया। मुंबई पुलिस के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने पत्र में कहीं नहीं लिखा कि क्या पैसे दिए गए हैं?' इसके साथ ही पवार ने कहा कि अब सरकार ने परमबीर सिंह को पुलिस कमिश्नर से हटाकर होमगार्ड में भेजा तो उन्होंने गंभीर आरोप लगाए। ये बात उन्होंने तब क्यों नहीं कही, जब वे सीपी के पद पर थे।
ऐसे अधिकारी से जांच कराई जाए जिनकी निष्ठा अच्छी हो
मैं खुद मुख्यमंत्री से बात करूंगा और उनसे कहूंगा कि गृहमंत्री के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए है, इसलिए ऐसे अधिकारी से जांच कराई जाए जिनकी निष्ठा अच्छी हो। साथ ही उन्होंने कहा कि 'सचिन वाझे को वापस लाने का फैसला खुद पुलिस कमिश्नर का था। हीरेन की पत्नी ने आरोप लगाया है कि वाझे उनकी मौत के लिए जिम्मेदार है। वाझे को वापस लेने में मुख्यमंत्री और गृहमंत्री का कोई रोल नहीं है।
अनिल देशमुख पर एक-दो दिन फैसला, सरकार को कोई खतरा नहीं पवार ने साथ ही कहा कि विपक्ष का मांग करना उनका हक है, पर सरकार को कोई खतरा नहीं है। इसका सरकार पर कोई असर नहीं होगा। अनिल देशमुख पर हम मुख्यमंत्री से बात करेंगे। पार्टी के लोगों से बात करेंगे और अनिल देशमुख से भी बात करेंगे कि उनका क्या कहना है? कल-परसों तक मिलकर हम लोग देशमुख पर फैसला ले लेंगे।
एनसीपी के दो नेताओं को दिल्ली बुलाया गयाइस बीच एनसीपी प्रमुख शरद पवार भी सक्रिय हो गए हैं। शरद पवार दिल्ली में हैं, और उन्होंने एनसीपी के दो बड़े नेताओंं को यहीं तलब किया है। इस बैठक में उपमुख्यमंत्री अजित पवार और एनसीपी के महाराष्ट्र प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल शामिल होंगे। वो महाराष्ट्र से दिल्ली आएंगे।
बताया जा रहा है कि एनसीपी नेताओं के बीच अनिल देशमुख पर लगे आरोपों को लेकर चर्चा की जाएगी। अनिल देशमुख का नाम आने के बाद राज्य की उद्धव सरकार दबाव में आ गई है। विपक्ष की तरफ से अनिल देशमुख के खिलाफ जांच करने और उनके इस्तीफे की मांग की जा रही है। परमबीर ने उद्धव को भेजे पत्र की पुष्टि कीमुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर ने सीएम उद्धव ठाकरे को भेज पत्र की पुष्टि की है। समचार एजेंसी एएनआई के अनुसार उन्होंने कहा कि जो पत्र भेजा गया है वह मेरे मेल आईडी से ही भेजा गया है। बता दें कि शनिवार को परमबीर ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नाम पत्र लिखा, जिसमें महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने सचिन वाझे से 100 करोड़ रुपये हर महीने वसूली करने को कहा था। वहीं, इस मसले पर अनिल देशमुख ने ट्वीट कर कहा कि परमबीर सिंह ने खुद को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए ऐसे आरोप लगाए हैं। अनिल देशमुख के खिलाफ भाजपा का प्रदर्शननागपुर में भाजपा कार्यकर्ता महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि सचिन वझे की वसूली गैंग महाराष्ट्र के गृहमंत्री के लिए हर महीने 100 करोड़ की वसूली करती थी। उद्धव सरकार को पंद्रह महीने हो गए इसलिए सरकार को पंद्रह सौ करोड़ के भ्रष्टाचार का हिसाब देना होगा। वहीं भाजपा प्रवक्ता राम कदम ने महाराष्ट्र के सीएम और गृहमंत्री का नार्को टेस्ट कराते हुए तुरंत इस्तीफे की मांग की। जानें- परमबीर के पत्र की बड़ी बातें-गृह मंत्री अनिल देशमुख ने फरवरी मध्य में एक दिन क्राइम इंटेलीजेंस यूनिट के एपीआइ सचिन वझे को अपने सरकारी आवास ज्ञानेश्वरी पर बुलाया। -कक्ष में उनके निजी सचिव पलांडे सहित स्टाफ के एक-दो लोग और मौजूद थे। उनके सामने देशमुख ने वङो से कहा कि आपको एक महीने में 100 करोड़ रुपये इकट्ठे करने होंगे। -गृह मंत्री ने खुद इसका रास्ता भी बताते हुए कहा कि मुंबई में करीब 1,750 बार एवं रेस्टोरेंट्स जैसे प्रतिष्ठान हैं। इनसे हर महीने दो-तीन लाख रुपये लिए जाएं तो 40-50 करोड़ रुपये आसानी से जमा हो सकते हैं। शेष राशि अन्य स्नोतों से जुटानी होगी। -इसके दो दिन बाद ही देशमुख ने बार इत्यादि पर नजर रखने वाली सोशल सर्विस ब्रांच के एसीपी संजय पाटिल और डीसीपी भुजबल को अपने सरकारी आवास पर बुलाया।- गृह मंत्री ने उनसे मुंबई के हुक्का पार्लरों के बारे में चर्चा की और वसूली का वही तरीका उन्हें भी बताया, जो उन्होंने सचिन वझे को बताया था।मनसुख हिरेन हत्या मामले में और दो लोग गिरफ्तारमहाराष्ट्र एटीएस ने आज मनसुख हिरेन हत्या मामले में 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। बता दें कि मनसुख की मौत की जांच एनआईए कर रही है। अंबानी के आवास अंटीलिया के बाहर विस्फोटक से लदी स्कार्पियों की बरामदगी से जुड़े मामले की जांच एनआईए कर रही है। इस मामले में उसने पुलिस इस्पेक्टर सचिन वाझे को पहले ही गिरफ्तार किया है। अभी तक एटीएस मनसुख की मौत के मामले में जांच कर रही थी। मनसुख की पत्नी ने पति की संदिग्ध हालत में हुई मौत में सचिन वझे के संलिप्त होने का आरोप लगाया है।Maharashtra Deputy CM and NCP leader Ajit Pawar and Jayant Patil to meet NCP Chief Sharad Pawar in Delhi today
— ANI (@ANI) March 21, 2021