...तो क्या 'परीक्षा पर चर्चा' का बदल जाएगा स्वरूप? छात्रों से नजदीकी बढ़ाने के लिए मोदी सरकार ने बनाया ये नया प्लान
Pariksha Pe Charcha के परीक्षा पर चर्चा सालाना कार्यक्रम को अब वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी रचा जाएगा। मोदी सरकार परीक्षा पर चर्चा के ऑनलाइन पोर्टल के जरिये छात्रों में अपनी पैठ बनाना चाहती है। नेशनल काउंसिल फार एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने इस संबंध में इसी हफ्ते रुचि की अभिव्यक्ति (ईओआइ) के दस्तावेज चयनित वेंडरों के समक्ष रखें हैं।
पीटीआई, नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 'परीक्षा पर चर्चा' सालाना कार्यक्रम को अब वर्चुअल प्लेटफॉर्म पर भी रचा जाएगा। 'परीक्षा पर चर्चा' का ऑनलाइन पोर्टल बनाने के एनसीईआरटी ने एक प्रस्ताव दिया है, जिसमें पीएम मोदी के भाषणों के साथ ही छात्रों को परस्पर संवादात्मक अंदाज में उनके साथ 2डी/3डी मोड में सेल्फी लेने की भी सुविधा हो।
मोदी सरकार 'परीक्षा पर चर्चा' के ऑनलाइन पोर्टल के जरिये छात्रों में अपनी पैठ बनाना चाहती है। नेशनल काउंसिल फार एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एनसीईआरटी) ने इस संबंध में इसी हफ्ते 'रुचि की अभिव्यक्ति' (ईओआइ) के दस्तावेज चयनित वेंडरों के समक्ष रखें हैं। ताकि 'परीक्षा पर चर्चा' की ऑनलाइन प्रदर्शनी का एक प्लेटफार्म विकसित किया जा सके।
पोर्टल पर सलाना कम से कम एक करोड़ विजिटर आ सकेंगे
योजना के मुताबिक एक ऑनलाइन पोर्टल से दोतरफा संवाद स्थापित करने के लिए 2डी/3डी वातावरण तैयार किया जाएगा जिसमें यूजर जानकारी के आदान-प्रदान से लेकर सीधा संवाद स्थापित कर सकेगा। प्रस्ताव के अनुसार ऐसा पोर्टल तैयार करना है जिस पर सालाना कम से कम एक करोड़ विजिटर आ सकें। इसका उद्देश्य 'परीक्षा पर चर्चा' कार्यक्रम को ऑनलाइन फारमैट में तैयार करना है।क्या है डेडिकेटेड सेल्फी जोन?
इस वर्चुअल प्रदर्शनी में एक एक्जीबिशन हाल, एक ऑडिटोरियम, एक सेल्फी जोन, क्विज जोन और एक नेता का पैनल होगा। डेडिकेटेड सेल्फी जोन का मतलब है कि यूजर छात्र पोर्टल पर पीएम मोदी के साथ सेल्फी लेने के साथ ही उसे वाल पर पोस्ट कर सकेगा या फिर डाउनलोड करके उसे इंटरनेट मीडिया पर जारी कर सकेगा। आडिटोरियम में पीएम और अन्य मंत्रियों के भाषण और संबोधन होंगे।
साथ में वह चर्चाएं भी शामिल की जाएंगी जो छात्रों के लिए आवश्यक हैं। वर्चुअल एक्जीबिशन हाल में बूथ होंगे जिसमें छात्रों की कला, कृतियों और वैज्ञानिक शोधों का प्रदर्शन होगा। प्रत्येक बूथ में छात्रों के 2डी/3डी अवतार होंगे।
इसमें वह इसी फारमेट में चित्र व कलाकृतियां या कार्यक्रम की वीडियो रिकॉर्डिंग का प्रदर्शन कर सकेंगे। छात्रों का चयन ऑनलाइन प्रतियोगिता से होगा। उल्लेखनीय है कि यह कदम तब उठाया जा रहा है जब देश में परीक्षाओं की प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता को लेकर विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है।
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