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Parliament Budget Session: 'हमने कोयले को हीरा बना दिया', लोकसभा में UPA के खिलाफ श्वेत पत्र पर बोलीं वित्त मंत्री सीतारमण

गुरुवार को सीतारमण द्वारा लोकसभा और राज्यसभा में पेश किए गए लगभग 60 पन्नों के श्वेत पत्र में कहा गया है कि बैंकिंग संकट यूपीए सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और कुख्यात विरासतों में से एक था। इसमें बताया गया है कि किस तरह UPA सरकार के दस सालों में इकोनॉमी मिस मैनेजमेंट का नुकसान पूरे भारत को झेलना पड़ा है।

By Jagran News Edited By: Shalini Kumari Updated: Fri, 09 Feb 2024 01:43 PM (IST)
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संसद में श्वेत पत्र पर चर्चा शुरू (एएनआई)
ऑनलाइन डेस्क, नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में श्वेत पत्र पेश किया, जिस पर आज चर्चा हो रही है। 59 पेज के श्वेत पत्र में 2014 से पहले और 2014 के बाद की भारतीय अर्थव्यवस्था की जानकारी दी गई है। इसमें बताया गया है कि किस तरह UPA सरकार के दस सालों में इकोनॉमी मिस मैनेजमेंट का नुकसान भारत को झेलना पड़ा।

लोकसभा में हंगामे के आसार

माना जा रहा है कि इसको लेकर लोकसभा में भारी हंगामा हो सकता है। गुरुवार को सीतारमण द्वारा लोकसभा और राज्यसभा में पेश किए गए लगभग 60 पन्नों के श्वेत पत्र में कहा गया है कि बैंकिंग संकट यूपीए सरकार की सबसे महत्वपूर्ण और कुख्यात विरासतों में से एक था। इसमें कहा गया है कि यूपीए सरकार ने 2004 में सत्ता में आने के बाद सुधारों को छोड़ दिया और वह पिछली भाजपा नीत एनडीए सरकार द्वारा रखी गई मजबूत नींव पर निर्माण करने में विफल रही।

यहां पढ़ें Updates: 

  • संसद में बीजेपी द्वारा लाए गए 'श्वेत पत्र' पर कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा, "श्वेत पत्र में सर्जिकल स्ट्राइक का जिक्र था, लेकिन नोटबंदी, बेरोजगारी, महंगाई और बढ़ती आर्थिक असमानता का जिक्र नहीं था। जिन मुद्दों पर चर्चा होनी चाहिए श्वेत पत्र- चीन के साथ सीमा की स्थिति, सीमा पर तनाव, मणिपुर की स्थिति और बढ़ती बेरोजगारी का श्वेत पत्र में कोई जिक्र नहीं है। श्वेत पत्र पीएम मोदी के कार्यकाल की एक और घटना है।"
  • बीजेपी द्वारा लाए गए 'श्वेत पत्र' पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा, "यूपीए के समय देश में वित्तीय अनुशासनहीनता थी, लेकिन कोई वित्तीय योजना नहीं थी। उन्होंने (कांग्रेस) लगभग 12 लाख करोड़ रुपये लूटे हैं। 2014 के बाद से, हर मामले में अनुशासन रहा है और अब हम दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। अगर कांग्रेस सत्ता में आई तो भ्रष्टाचार, सांप्रदायिक संकट और बेरोजगारी फिर से बढ़ जाएगी।"
  • निर्मला सीतारमण ने कहा, "यूपीए सरकार के हाथों कोयला घोटाले के कारण भारत को भारी नुकसान हुआ।" उन्होंने कहा कि कोयला घोटाले पर कैग की रिपोर्ट में कहा गया है कि इससे भारत को 1.86 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
  • यूपीए सरकार पर निशाना साधते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा, "वैश्विक वित्तीय संकट को संभाल नहीं सके और आज इसे कैसे संभालें इस पर भाषण दे रहे हैं। देश के हितों की रक्षा के लिए कुछ नहीं किया गया, लेकिन घोटालों पर घोटाले जारी रहे। ऐसे में उन्होंने देश छोड़ दिया।"
  • संसद में बोलते हुए वित्त मंत्री ने कहा, "आपने (यूपीए सरकार) कोयले को राख में बदल दिया, लेकिन हमने अपनी नीतियों के जरिए कोयले को हीरे में बदल दिया।" 
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "इस 'श्वेत पत्र' में दिखाई गई तुलना स्पष्ट रूप से बताती है कि अगर सरकार सच्ची ईमानदारी, पारदर्शिता और राष्ट्र को पहले रखकर काम करती है, तो उसका परिणाम क्या होता है। 2008 के बाद क्या हुआ जब वैश्विक वित्तीय संकट था और COVID ​​​​के बाद क्या हुआ, यह स्पष्ट रूप से दिखाता है कि अगर सरकार का इरादा ईमानदार है तो परिणाम अच्छे होंगे।"
  • वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, "भारतीय अर्थव्यवस्था को 10 साल की नाजुक स्थिति से बाहर निकालकर टॉप पांच में पहुंचाने के लिए सरकार ने 'श्वेत पत्र' मेज पर रख दिया है। यह जिम्मेदारी के साथ रखा गया एक बयान है।"
  • कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने बजट सत्र से पहले कहा, "'श्वेत पत्र' कुछ और नहीं बल्कि पीएम मोदी के असफल वादों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश है। असली चुनावी मुद्दे महंगाई और बेरोजगारी आगामी लोकसभा चुनावों में लोगों के दिमाग पर हावी रहेगी।"
  • गृह मंत्री अमित शाह बजट सत्र के लिए संसद भवन पहुंच चुके हैं।
  • श्वेत पत्र को लेकर सीपीआई-एम सांसद जॉन ब्रिटास ने कहा, "भाजपा का उद्देश्य चुनावी अभियान है और अध्ययन नाम की कोई चीज नहीं है। किसी सरकार के लिए दस साल पीछे जाना अजीब है। उन्हें श्वेत पत्र तब लाना चाहिए था, जब वे सत्ता में आए। यह दुनिया के किसी भी देश के इतिहास में अजीब है।"
  • बीजेपी सांसद अर्जुन राम मेघवाल ने कहा, "अंतरिम बजट के दौरान वित्त मंत्री ने श्वेत पत्र का जिक्र किया था। हम उनके खराब शासन के कारण फ्रैजाइल फाइव का हिस्सा थे, लेकिन अब हम शीर्ष पांच अर्थव्यवस्थाओं में हैं। लोगों को यह जानने का अधिकार है कि मोदी सरकार ने क्या नीतियां और समग्र दृष्टिकोण अपनाया है।"

एक दिन के लिए बढ़ाया गया सत्र

31 जनवरी को दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के संबोधन के साथ शुरू हुआ सत्र एक दिन बढ़ाकर 10 फरवरी तक कर दिया गया है। मालूम हो कि पहले इसे 9 फरवरी को समाप्त होना था।

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