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Parliament Monsoon Session: आज लोकसभा में पेश होगा दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा विधेयक, AAP ने जारी किया व्हिप

दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी अध्यादेश का स्थान लेने वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह विधेयक सरकार की मंगलवार की कार्यसूची में शामिल है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसे पेश कर सकते हैं। दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (संशोधन) विधेयक 2023 मई में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगा।

By Jagran NewsEdited By: Devshanker ChovdharyUpdated: Tue, 01 Aug 2023 07:00 AM (IST)
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आज लोकसभा में पेश होगा दिल्ली अध्यादेश से जुड़ा विधेयक।
नई दिल्ली, एएनआई। दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण के लिए केंद्र सरकार की ओर से जारी अध्यादेश का स्थान लेने वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा में पेश किया जाएगा। यह विधेयक सरकार की मंगलवार की कार्यसूची में शामिल है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इसे पेश कर सकते हैं।

संसद में आज पेश होगा दिल्ली से जुड़ा बिल

संसदीय कार्य राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने शुक्रवार को लोकसभा में और वी. मुरलीधरन ने राज्यसभा में बताया था कि यह विधेयक अगले हफ्ते सरकार के एजेंडे में है।

बिल में क्या है प्रावधान?

बता दें कि 'दिल्ली की राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र की सरकार (संशोधन) विधेयक, 2023' मई में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए अध्यादेश का स्थान लेगा, जिसमें सेवाओं को दिल्ली विधानसभा के क्षेत्राधिकार से बाहर रखने का प्रविधान किया गया है। दिल्ली में सेवाओं पर नियंत्रण संबंधी सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद केंद्र सरकार ने उक्त अध्यादेश जारी किया था।

पार्टियों ने सांसदों को जारी किया व्हिप

इस बीच, आम आदमी पार्टी (आप) अपने सभी राज्यसभा सदस्यों के लिए तीन लाइन का व्हिप जारी किया है, जिसमें उनसे 31 जुलाई से चार अगस्त तक सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। इसी तरह भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने भी अपने सभी राज्यसभा सदस्यों के लिए व्हिप जारी किया है और उक्त अवधि में सदन में मौजूद रहने व विधेयक के विरुद्ध मतदान करने को कहा है।

सीएम केजरीवाल जुटा रहे समर्थन

बता दें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विधेयक के खिलाफ विपक्षी दलों का समर्थन जुटा रहे हैं। विपक्षी गठबंधन आईएनडीआईए (इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) स्पष्ट कर चुका है कि वह संसद में विधेयक का विरोध करेगा।