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विपक्ष के तीखे तेवर तो सरकार ने पूरे किए एजेंडे, लंबे समय बाद बिना स्थगन और बाधा के समाप्त हुआ संसद का सत्र

Parliament Session 2024 केंद्र सरकार ने संसद का मानसून सत्र एक दिन पहले समाप्त करने का फैसला किया है। इसी के साथ सरकार ने कहा कि सत्र काफी सकारात्मक रहा और कामकाज के सभी एजेंडे पूरे कर लिए गए। सफल संचालन के लिए सरकार ने विपक्षी दलों का भी आभार जताया और कहा कि आगे के सत्र भी ऐसे रहने की उम्मीद।

By Jagran News Edited By: Sachin Pandey Updated: Fri, 09 Aug 2024 09:18 PM (IST)
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कामकाज की दृष्टि से सत्र शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा। (File Image)
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। 18वीं लोकसभा का पहला बजट सत्र भले ही तय समय से एक दिन पहले अनिश्चितकाल के लिए स्थगित हो गया, मगर विधायी कामकाज की दृष्टि से संसद का यह सत्र शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने में सफल रहा।

सरकार ने बजट और वित्त विधेयक पारित कराने से लेकर अपने घोषित सभी विधायी एजेंडे को सिरे चढ़ाया तो विपक्ष ने भी सत्र में अपने मुद्दों के जरिए सरकार की घेरेबंदी की कोशिश की। इस क्रम में सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच कुछ मौकों पर तीखी नोक-झोंक हुई, मगर लंबे अर्से बाद यह पहला सत्र रहा जब संसद की कार्यवाही एक दिन भी हंगामे की वजह से बाधित नहीं हुई।

एक दिन पहले सत्र समाप्त करने का निर्णय

इस दौरान लोकसभा में वित्त विधेयक समेत चार विधेयक पारित हुए, जबकि 12 नए विधेयक पेश हुए, जिसमें राजनीतिक रूप से संवेनदशील वक्फ संशोधन विधेयक भी शामिल है। इस पर संयुक्त संसदीय समिति गठित की गई है। संसद का बजट सत्र 12 अगस्त तक निर्धारित था, मगर सरकार ने कामकाज का एजेंडा पूरा कर लेने के बाद एक दिन पहले ही सत्र समाप्त करने का फैसला किया।

विपक्ष ने इसको लेकर सरकार पर तंज भी कसा कि संसद का सामना करने से बचने के लिए सरकार ने एक दिन पहले सत्र खत्म किया है। वैसे सत्र के दौरान विपक्ष ने नीट पेपर लीक से जुड़े मुद्दे प्रश्नकाल में उठाने से लेकर किसानों से लेकर आम आदमी से जुड़े मसले उठाने में आक्रामकता दिखाई, मगर सत्र को बाधित करने की बजाय विपक्षी दलों ने भी बहस-चर्चा के दौरान अपने मुद्दों को मुखरता से उठाने की रणनीति अपनाई।

कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

लोकसभा में पारित चार विधेयकों में तो वित्त, विनियोग और जम्मू-कश्मीर का विनियोग विधेयक तो संवैधानिक अनिवार्यता से जुड़े हैं, जिसे राज्यसभा ने भी पारित किया, जबकि लोकसभा में पारित भारतीय वायुयान विधेयक हवाई यात्रा क्षेत्र के संचालन में सुधार से जुड़ा है। सत्र के दौरान बांग्लादेश में तख्तापलट की घटना को लेकर विदेशमंत्री की ओर से बयान दिया गया तो वायनाड में भूस्खलन से हुई तबाही के मसले पर भी संक्षिप्त चर्चा हुई।

22 अगस्त से शुरू हुए सत्र में एक दिन भी ऐसा नहीं हुआ जब शोर-शराबे के कारण सदन की कार्यवाही पूरे दिन के लिए ठप हुई हो। संसदीय कार्यमंत्री किरन रिजिजू ने भी सत्र समापन के बाद अपनी पारंपरिक प्रेस वार्ता में इसे सुखद बताते हुए कहा कि काफी अर्से बाद पूरे सत्र में एक दिन भी हंगामे की वजह से बर्बाद नहीं हुआ।

संसदीय कार्य मंत्री ने जताया विपक्ष का आभार

इसके लिए लोकसभा स्पीकर और राज्यसभा के सभापति के साथ ही रिजिजू ने विपक्ष दलों के सांसदों का भी धन्यवाद जताते हुए कहा कि कुछ नोंक-झोंक तथा शोरगुल जरूर हुआ, मगर लोकतंत्र में ऐसा होना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि हम एक सुदृढ़ लोकतंत्र हैं, जिसमें शोर-गुल कई बार एक अनिवार्य हिस्सा होता है, मगर इस बार शोरगुल के बावजूद एक दिन भी बाधित नहीं हुआ।

संसदीय कार्यमंत्री ने उम्मीद जताई कि आगामी शीत सत्र के दौरान भी इसी भावना से पक्ष और विपक्ष काम करेंगे। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने भी सत्र के कामकाज पर संतोष जताते हुए कहा कि 18वीं लोकसभा के दूसरे सत्र के दौरान कार्य-उत्पादकता 136 प्रतिशत रही। इस दौरान 15 बैठकों में 115 घंटे की चर्चा हुई जिसमें आम बजट पर आम 27 घंटे से ज्यादा चर्चा हुई और 181 सदस्यों ने भाग लिया।