संसद पर स्मोक हमला: WhatsApp पर लिखी गई पटकथा, भगत सिंह-आजाद के नाम पर बनाए ग्रुप, हो सकते हैं और खुलासे
संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर पर बने वाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए थे। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आरोपी ग्रुप में नियमित रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों पर चर्चा करते थे। गिरफ्तार किए गए आरोपी भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बने आधा दर्जन व्हाट्सएप ग्रुपों का हिस्सा थे।
By AgencyEdited By: Amit SinghUpdated: Tue, 19 Dec 2023 06:09 PM (IST)
पीटीआई, नई दिल्ली: संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले आरोपी स्वतंत्रता सेनानियों के नाम पर पर बने करीब आधा दर्जन वाट्सएप ग्रुप से जुड़े हुए थे। पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आरोपी ग्रुप में नियमित रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के विचारों पर चर्चा करते थे और संबंधित वीडियो क्लिप भी साझा करते थे।
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि संसद सुरक्षा उल्लंघन मामले में गिरफ्तार किए गए छह लोग भगत सिंह और चंद्रशेखर आजाद के नाम पर बने आधा दर्जन व्हाट्सएप ग्रुपों का हिस्सा थे। आरोपियों के सोशल मीडिया पोस्ट से पता चला कि वो स्वतंत्रता सेनानियों से प्रेरित थे। जिसके चलते उन्होंने संसद में भगत सिंह के काम दोहराने का फैसला लिया था। इस बीच, पुलिस को मेटा से इन व्हाट्सएप ग्रुपों के सभी सदस्यों के साथ-साथ उनकी चैट का डाटा भी मिला है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आरोपी वारदात को अंजाम देने के लिए आरोपी सिग्नल ऐप पर भी बात करते थे और वो सभी पिछले साल कर्नाटक के मैसूर में मिले थे। एक अधिकारी ने कहा कि मैसूरु के रहने वाले मनोरंजन डी ने पांचों का यात्रा खर्च वहन किया था। पुलिस उन चार आरोपियों के डुप्लिकेट सिम कार्ड प्राप्त करने की कोशिश कर रही है जिनके मोबाइल फोन राजस्थान में झा और कुमावत द्वारा कथित तौर पर नष्ट और जला दिए गए थे।
शनिवार को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के महानिदेशक अनीश दयाल सिंह की अध्यक्षता में एक जांच समिति ने संसद सुरक्षा और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों की मौजूदगी में अपराध स्थल को फिर से बनाया। समिति सुरक्षा में सेंध के कारणों की जांच कर रही है और खामियों की पहचान कर आगे की कार्रवाई की सिफारिश करेगी। दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल भी आतंकवाद विरोधी कानून के तहत मामले की जांच कर रही है।