Parliament Session: मेरा भाषण काट दिया गया, राज्यसभा में बोले मल्लिकार्जुन खरगे; धनखड़ ने दिया कमेटी गठन करने का आश्वासन
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आज राज्यसभा में चर्चा हो रही है। वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब के कुछ हिस्सों को हटाने पर आपत्ति जताई। उच्च सदन में बोलते हुए खरगे ने मांग की कि उनकी हटाई गई टिप्पणियों को बहाल किया जाए।
एएनआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आज राज्यसभा में चर्चा हो रही है। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब के कुछ हिस्सों को हटाने पर आपत्ति जताई। उच्च सदन में बोलते हुए खरगे ने मांग की कि उनकी हटाई गई टिप्पणियों को बहाल किया जाए।
कांग्रेस प्रमुख ने राज्यसभा के नियमों और प्रक्रिया के नियम 238 (ए) और नियम 238 (5) का हवाला देते हुए कहा, मैंने अपने भाषण में जो कुछ बिंदु उठाए थे, उन्हें रिकॉर्ड से बाहर कर दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपनी टिप्पणी में किसी का नाम नहीं लिया, जिसे हटा दिया गया है। अतः प्रक्रिया के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है।
भाषण के दो पेज सदन की कार्यवाही से कर दिए गए बाहर- खरगे
खरगे ने कहा, बशर्ते कि सभापति किसी भी समय किसी भी सदस्य को ऐसा कोई भी आरोप लगाने से रोक सकता है यदि उसकी राय है कि ऐसे आरोप परिषद की गरिमा के लिए अपमानजनक हैं या ऐसे आरोप लगाने से कोई सार्वजनिक हित पूरा नहीं होता है।238 (5) में कहा गया है कि यह उच्च प्राधिकारी व्यक्तियों के आचरण पर प्रतिबिंबित हो सकता है जब तक कि चर्चा उचित शर्तों में तैयार किए गए ठोस प्रस्ताव पर आधारित न हो। महोदय, चाहे वह नियम 238 (ए) के अनुसार हो या नियम 238 (5) के अनुसार, मैंने कभी इसका उल्लंघन नहीं किया।विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि उनके भाषण के दो पेज सदन की कार्यवाही से रिकॉर्ड से बाहर कर दिए गए।
खरगे ने आगे कहा, तीसरा, नियमानुसार इसमें पूर्व सूचना की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, जिस व्यक्ति की बात की जा रही है, वह न तो इस सदन का सदस्य है और न ही मैंने जो कहा वह तथ्यात्मक स्थिति पर आधारित था।