Move to Jagran APP

Parliament Session: मेरा भाषण काट दिया गया, राज्यसभा में बोले मल्लिकार्जुन खरगे; धनखड़ ने दिया कमेटी गठन करने का आश्वासन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आज राज्यसभा में चर्चा हो रही है। वहीं राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब के कुछ हिस्सों को हटाने पर आपत्ति जताई। उच्च सदन में बोलते हुए खरगे ने मांग की कि उनकी हटाई गई टिप्पणियों को बहाल किया जाए।

By Jagran News Edited By: Versha Singh Updated: Wed, 07 Feb 2024 03:34 PM (IST)
Hero Image
Parliament Session: मेरा भाषण काट दिया गया, राज्यसभा में बोले मल्लिकार्जुन खरगे
एएनआई, नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर आज राज्यसभा में चर्चा हो रही है। वहीं, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को सभापति जगदीप धनखड़ द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव के जवाब के कुछ हिस्सों को हटाने पर आपत्ति जताई। उच्च सदन में बोलते हुए खरगे ने मांग की कि उनकी हटाई गई टिप्पणियों को बहाल किया जाए।

कांग्रेस प्रमुख ने राज्यसभा के नियमों और प्रक्रिया के नियम 238 (ए) और नियम 238 (5) का हवाला देते हुए कहा, मैंने अपने भाषण में जो कुछ बिंदु उठाए थे, उन्हें रिकॉर्ड से बाहर कर दिया गया। उन्होंने आगे कहा कि मैंने अपनी टिप्पणी में किसी का नाम नहीं लिया, जिसे हटा दिया गया है। अतः प्रक्रिया के किसी भी नियम का उल्लंघन नहीं किया गया है।

भाषण के दो पेज सदन की कार्यवाही से कर दिए गए बाहर- खरगे

खरगे ने कहा, बशर्ते कि सभापति किसी भी समय किसी भी सदस्य को ऐसा कोई भी आरोप लगाने से रोक सकता है यदि उसकी राय है कि ऐसे आरोप परिषद की गरिमा के लिए अपमानजनक हैं या ऐसे आरोप लगाने से कोई सार्वजनिक हित पूरा नहीं होता है।

238 (5) में कहा गया है कि यह उच्च प्राधिकारी व्यक्तियों के आचरण पर प्रतिबिंबित हो सकता है जब तक कि चर्चा उचित शर्तों में तैयार किए गए ठोस प्रस्ताव पर आधारित न हो। महोदय, चाहे वह नियम 238 (ए) के अनुसार हो या नियम 238 (5) के अनुसार, मैंने कभी इसका उल्लंघन नहीं किया।

विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि उनके भाषण के दो पेज सदन की कार्यवाही से रिकॉर्ड से बाहर कर दिए गए।

खरगे ने आगे कहा, तीसरा, नियमानुसार इसमें पूर्व सूचना की कोई आवश्यकता नहीं है। क्योंकि, जिस व्यक्ति की बात की जा रही है, वह न तो इस सदन का सदस्य है और न ही मैंने जो कहा वह तथ्यात्मक स्थिति पर आधारित था।

टिप्पणी हटाए जाने पर खरगे ने जताई आपत्ति

सर, राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव एक ऐसा अवसर होता है जब हमें कई विषयों पर व्यापक चर्चा करने का मौका मिलता है। इसलिए मुझे लगा कि अगर किसी राज्य का मुख्यमंत्री ऐसी भाषा का इस्तेमाल करता है तो यह मेरा कर्तव्य और अधिकार है कि मैं इस मुद्दे को सदन में उठाऊं। बोलते समय मैंने न तो किसी मुख्यमंत्री का नाम लिया और न ही किसी राज्य का नाम लिया इसलिए मैं अपनी टिप्पणी को हटाए जाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराता हूं।

खरगे की चिंताएं सुनने के बाद राज्यसभा सभापति ने कहा कि वह इस मामले पर अपना फैसला सुनाएंगे।

धनखड़ ने कहा कि उन्होंने खरगे की दलीलें पढ़ ली हैं और बाद में इस पर अपना फैसला सुनाएंगे। धनखड़ ने कहा, असंसदीय अभिव्यक्तियों को संशोधित करने में मुझे बहुत खुशी होगी। मैं उस बिंदु पर एक समिति का गठन कर सकता हूं।

यह भी पढ़ें- काम की खबर: बेटी होने पर किस राज्य में सरकार देती है कितने रुपये, क्या इस योजना के बारे में जानते हैं आप?

यह भी पढ़ें- 'अच्छा काम करने वाले को नहीं मिलता सम्मान, खराब काम करने वाले को...' नितिन गडकरी ने क्यों कही ये बात?