Parliament Session: कर्नाटक से जुड़े भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संसद में हंगामा, सत्ता पक्ष-विपक्ष दिखा आमने-सामने
कर्नाटक से जुड़े भ्रष्टाचार के मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में शुक्रवार को सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा किया गया। संसद में अमूमन विपक्षी दलों को ही हंगामा और नारेबाजी करते देखा जाता है। सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा इतना तेज था कि लोकसभा की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा में सभापति धनखड़ को भाजपा सांसदों को चेतावनी देनी पड़ी।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। संसद में अमूमन विपक्षी दलों को ही हंगामा और नारेबाजी करते देखा जाता है। लेकिन शुक्रवार के संसद के दोनों सदनों में सत्ता पक्ष की ओर से हंगामा किया गया। यह वाकया थोड़ा चौंकाने वाला था। हंगामा इतना तेज था कि लोकसभा की कार्यवाही को कुछ देर के लिए स्थगित करना पड़ा। राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ को इस मुद्दे पर भाजपा सांसदों को नाम लेने की चेतावनी देनी पड़ी। जिसके बाद वह सभी शांत हुए।
सदनों में चर्चा के लिए दिया गया था नोटिस
बाद में इस मामले में संसदीय कार्यमंत्री किरेन रिजिजू ने इस मामले में दखल दी और सभापति से सदस्य को अपनी बात रखने का मौका देने के लिए अनुरोध किया। इसके बाद उन्हें शून्यकाल में अपनी बात करने का मौका दिया गया, लेकिन इस पर विपक्ष ने खूब हंगामा किया। हुआ यह कि कर्नाटक में अनुसूचित जनजाति के विकास से जुडे महर्षि वाल्मीकि निगम में हुए कथित भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भाजपा सांसदों ने नियम 267 के तहत संसद के दोनों सदनों में चर्चा कराने की मांग को लेकर नोटिस दिया था। जिसे राज्य से जुड़ा विषय बताकर सभापति धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला दोनों ने खारिज कर दिया।
सत्ता पक्ष ने मांगों को लेकर सदन में किया हंगामा
बाद में सत्ता पक्ष ने मांगों को लेकर सदन में हंगामा शुरू कर दिया। राज्यसभा में कार्यवाही शुरू होने के साथ ही इस मुद्दे के गरमाने के बाद सभापति ने पहले तो सत्ता पक्ष के सांसदों को समझाने की कोशिश की, लेकिन जब बात नहीं बनी तो उन्होंने हंगामा कर रहे सदस्यों के नाम लेने को कहा। इस पर वह शांत हुए। बाद में सभापति ने कर्नाटक से आने वाले भाजपा सांसद ईरन्ना वी कड़ाडी को शून्य काल में इस मुद्दे को उठाने की अनुमति दी।
भाजपा ईडी जांच की मांग कर रही
इस दौरान उन्होंने बताया कि कर्नाटक सरकार ने किस तरह से अनुसूचित जाति निगम के करोड़ों रुपए किसी दूसरे के खाते में ट्रांसफर कराए। इस मामले की ईडी जांच भी कर रही है। हालांकि शून्यकाल में भाजपा सांसद को इस मुद्दे को उठाने की दी गई अनुमति पर विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। राज्यसभा में इस मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर सुधांशु त्रिवेदी और ईरन्ना कड़ाडी और लोकसभा में पीसी मोहन ने नोटिस दिया था।
लोकसभा में भी इस मुद्दे पर सत्ता व विपक्ष के बीच जमकर हंगामा देखने को मिला। हंगामा बढ़ता देख लोकसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को कुछ देर तक के लिए स्थगित कर दिया। भाजपा सांसदों ने इस मुद्दे पर कर्नाटक के सांसदों के साथ संसद परिसर में भी नारेबाजी की। सत्ता पक्ष के इस रवैए को विपक्ष को जवाब के तौर पर देखा जा रहा है। गौरतलब है कि संसद में किसी सदस्य का नाम लिया जाना (नेम किया जाना) एक दंडात्मक कार्रवाई होती है। ऐसा होने पर सदस्य को तुरंत सदन से बाहर जाना होता है। हालांकि वह बाद में फिर सदन में आ जाता है।