Parliament Session: बंगाल विभाजन की बात पर लोकसभा में विपक्ष का हंगामा, कल्याण बनर्जी ने भाजपा पर लगाया बांटने का आरोप
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के बंगाल विभाजन से संबंधित बयान पर शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष ने भारी हंगामा किया जिसके बाद कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसी दौरान भाजपा सदस्यों ने भी कर्नाटक में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मुद्दे पर हंगामा किया। प्रश्नकाल के बाद स्पीकर ओम बिरला ने तृणमूल कांग्रेस सदस्य कल्याण बनर्जी को अपनी बात रखने का अवसर दिया।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। भाजपा सांसद निशिकांत दुबे एवं केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार के बंगाल विभाजन से संबंधित बयान पर शुक्रवार को लोकसभा में विपक्ष ने भारी हंगामा किया, जिसके बाद कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी। इसी दौरान भाजपा सदस्यों ने भी कर्नाटक में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मुद्दे पर हंगामा किया।
कल्याण बनर्जी ने भाजपा पर लगाया आरोप
प्रश्नकाल के बाद स्पीकर ओम बिरला ने तृणमूल कांग्रेस सदस्य कल्याण बनर्जी को अपनी बात रखने का अवसर दिया। बनर्जी ने केंद्रीय पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास राज्यमंत्री सुकांत मजूमदार के एक बयान का उल्लेख करते हुए बंगाल को बांटने का षड्यंत्र बताया। इसपर स्पीकर ने कहा कि मंत्री ने सदन में ऐसा बयान नहीं दिया है। सदन से बाहर के बयान पर यहां चर्चा नहीं होगी।
स्पीकर के मना करने के बाद कल्याण ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के सदन में एक दिन पहले दिए गए बयान का हवाला देते कहा कि ऐसा बयान उन्होंने सदन में ही दिया था। दरअसल, दुबे ने गुरुवार को बंगाल के मालदा एवं मुर्शिदाबाद, बिहार के अररिया, किशनगंज, कटिहार और झारखंड के संताल परगना को मिलाकर एक केंद्र शासित प्रदेश बनाने की बात कही थी। मजूमदार ने भी दो दिन पहले सदन के बाहर बयान दिया था कि उन्होंने क्षेत्र के विकास के लिए उत्तर पश्चिम बंगाल को पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के अंतर्गत शामिल करने का प्रस्ताव प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को दिया है।
ओम बिरला ने पीसी मोहन को बोलने का दिया मौका
तृणमूल सदस्यों के हंगामे के बीच बिरला ने बेंगलुरु के भाजपा सांसद पीसी मोहन को अपनी बात रखने को कहा। मोहन ने कर्नाटक में एक भ्रष्टाचार का मुद्दा उठाना चाहा तो अध्यक्ष ने उन्हें भी अनुमति नहीं दी। इसी दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर समेत भाजपा के अन्य सदस्य भी कर्नाटक के मुख्यमंत्री पर कुछ आरोप लगाते सुने गए। अध्यक्ष द्वारा अनुमति नहीं मिलने पर दोनों पक्षों के सदस्य हंगामा करने लगे, जिसके बाद स्पीकर को कार्यवाही आधा घंटा के लिए स्थगित करनी पड़ी।