Special Session: विशेष सत्र में संसद ने नहीं गंवाया अपना समय, निर्धारित समय से अधिक चली सदन की कार्यवाही
संसद का विशेष सत्र ऐतिहासिक रहा क्योंकि इस सत्र में महिलाओं से जुड़ा महत्वपूर्ण बिल पारित हुआ जिससे भारतीय राजनीति में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ेगी। एक थिंक टैंक ने बताया है कि विशेष सत्र के दौरान दोनो सदन- लोकसभा और राज्यसभा ने निर्धारित समय से अधिक काम किया है। 17वीं लोकसभा में ऐसा पहली बार हुआ जब लोकसभा ने स्थगन की वजह से अपना समय नहीं बर्बाद किया।
नई दिल्ली, पीटीआई। Parliament Special Session: संसद का विशेष सत्र ऐतिहासिक रहा, क्योंकि इस सत्र में महिलाओं से जुड़ा महत्वपूर्ण बिल पारित हुआ, जिससे भारतीय राजनीति में महिलाओं की उपस्थिति बढ़ेगी। इसी बीच, एक थिंक टैंक ने बताया है कि विशेष सत्र के दौरान दोनो सदन- लोकसभा और राज्यसभा ने निर्धारित समय से अधिक काम किया है।
लोकसभा में स्थगन के कारण समय नहीं हुआ बर्बाद
थिंक टैंक के आंकड़ों के अनुसार, 17वीं लोकसभा में ऐसा पहली बार हुआ, जब लोकसभा ने स्थगन की वजह से अपना समय नहीं बर्बाद किया। बता दें कि 18 से 22 सिंतबर के बीच संसद का विशेष सत्र बुलाया गया था, जिसमें महिला आरक्षण बिल को पास किया गया। हालांकि, विशेष सत्र पांच दिनों के लिए बुलाया गया था, लेकिन इसे एक दिन पहले ही समाप्त कर दिया गया।
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तय समय से अधिक चली सदन की कार्यवाही
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च (PRS Legislative Research) ने बताया कि इन चार दिनों में लोकसभा की कार्यवाही 31 घंटे से अधिक समय तक चली, जो 22 घंटे 45 मिनट के लिए निर्धारित थी। यानी कि लोकसभा की कार्यवाही तय समय से करीब आठ घंटे अधिक चली, जो निर्धारित समय का 137 फीसदी है।
वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही निर्धारित समय 21 घंटे 45 मिनट के मुकाबले 27 घंटे 44 मिनट तक चली है। यह तय समय का 128 प्रतिशत है। वहीं, राज्यसभा को सिर्फ डेढ़ घंटे के लिए स्थगित किया गया, जबकि लोकसभा में समय की कोई बर्बादी नहीं हुई।
बहस और विधायी कार्यों पर ज्यादा ध्यान
पीआरएस ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि विशेष सत्र के दौरान लोकसभा में 64 प्रतिशत समय बहस पर दिया गया और 33 प्रतिशत समय विधायी कार्य पर खर्च हुए। वहीं, राज्यसभा में 51 प्रतिशत समय बहस पर और 45 प्रतिशत समय महिला आरक्षण बिल को पास करने में खर्च हुए।
विशेष सत्र में महिला आरक्षण बिल पारित
बता दें कि इस विशेष सत्र के दौरान दोनों सदनों से महिला आरक्षण बिल पारित किया गया। इस बिल में लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है। अब इस पर राष्ट्रपति की मुहर लगने का इंतजार है।