Parliament Special Session: संसद के विशेष सत्र में क्या-क्या होने वाला है? पढ़ें- सरकार के एजेंडे के बारे में
Parliament Special Session केंद्र सरकार ने संसद के विशेष सत्र का एजेंडा साफ कर दिया है। सत्र में सरकार संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा पर चर्चा करेगी। मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति समेत एजेंडे में चार विधेयक होने वाले हैं। इस सत्र के चलते सरकार ने 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक भी बुलाई है।
नई दिल्ली, ऑनलाइन डेस्क। संसद के विशेष सत्र की 18 सितंबर से शुरुआत होने जा रही है, लेकिन उससे पहले ही इसके एजेंडे को लेकर राजनीति गरमाई हुई है। इस बीच केंद्र सरकार ने संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र के एजेंडे की तस्वीर साफ कर दी है।
कई दिनों से विपक्ष की मांग के बाद सरकार ने बता दिया है कि इस सत्र में क्या होने वाला है।
विशेष सत्र में ये होगा सरकार का एजेंडा
- संसद के विशेष सत्र के दौरान संविधान सभा से लेकर आज तक संसद की 75 वर्षों की यात्रा पर चर्चा होगी। सरकार 75 वर्षों की उपलब्धियों, अनुभवों, स्मृतियों और सीख पर चर्चा करेगी।
- लोकसभा सचिवालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, सरकार के एजेंडे में इस विशेष सत्र में चार विधेयकों का उल्लेख करना भी शामिल है।
- इन विधेयकों में अधिवक्ता (संशोधन) विधेयक, 2023 और प्रेस और पुस्तक पंजीकरण विधेयक, 2023 राज्यसभा से पारित हो चुके हैं एवं लोकसभा में लंबित हैं। वहीं, डाकघर विधेयक 2023 तथा मुख्य निर्वाचन आयुक्त, अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति, सेवा शर्त विधेयक 2023 सूचीबद्ध हैं।
- हालांकि, इस सत्र में और कार्य भी हो सकते हैं। विशेष सत्र के एजेंडे को साफ करने को लेकर विपक्ष कई बार मांग कर चुका है।
- एजेंडे में शामिल मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर विधेयक पिछले मानसून सत्र के दौरान राज्यसभा में पेश किया गया था।
सत्र से पहले सरकार ने बुलाई सर्वदलीय बैठक
संसद सत्र से ठीक पहले सरकार ने 17 सितंबर को एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक में सरकार सभी दलों के साथ एक राय बनाने की कोशिश करेगी। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इसको लेकर एक पोस्ट भी किया है, जिसपर उन्होंने लिखा कि सर्वदलीय बैठक के लिए नेताओं को ईमेल से आमंत्रण भेज दिया गया है।