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वोट लेने में बसपा तीसरी बड़ी पार्टी लेकिन सीट एक भी नहीं

लोकसभा चुनाव के परिणामों से पता चलता है कि मायावती के नेतृत्व वाली बसपा और तमिलनाडु में द्रमुक ने बड़ी संख्या में वोट प्राप्त किए, लेकिन वे इसे सीट में नहीं बदल सके। जबकि कम वोट प्राप्त करने वाली पार्टियों ने सीटें जीतने में सफलता पाई है।

By Edited By: Updated: Sat, 17 May 2014 07:19 PM (IST)
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नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के परिणामों से पता चलता है कि मायावती के नेतृत्व वाली बसपा और तमिलनाडु में द्रमुक ने बड़ी संख्या में वोट प्राप्त किए, लेकिन वे इसे सीट में नहीं बदल सके। जबकि कम वोट प्राप्त करने वाली पार्टियों ने सीटें जीतने में सफलता पाई है।

चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार भाजपा ने चुनाव में 282 सीटें जीती हैं। जबकि इसे लगभग 17.16 करोड़ वोट [31 प्रतिशत] मिले। कांग्रेस को केवल 44 सीटें मिलीं। जबकि उसे 10.7 करोड़ वोट [19.3 प्रतिशत] मिले हैं। वोट मिलने के मामले में बसपा तीसरे नंबर पर रही है। उसे 2.3 करोड़ वोट [4.1 प्रतिशत] मिले हैं। लेकिन एक भी सीट नहीं मिल सकी। 34 सीटों पर इसके उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहे। 3.4 प्रतिशत वोटों के साथ मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व वाली सपा भी बहुत पीछे नहीं है। उसने पांच सीटें जीतीं। लेकिन 3.8 प्रतिशत वोट प्राप्त कर ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस ने 34 सीटें जीतीं। जयललिता के नेतृत्व वाले अन्नाद्रमुक ने 37 सीटें जीती हैं। जबकि उसे 3.3 प्रतिशत ही वोट मिले। दूसरी ओर 3.3 प्रतिशत वोट प्राप्त कर माकपा केवल नौ सीटें जीत पाई।

भाजपा, कांग्रेस, अन्नाद्रमुक और तृणमूल कांग्रेस के बाद सीटों के मामले में पांचवीं सबसे बड़ी पार्टी रही बीजू जनता दल को 20 सीटें मिली हैं। जबकि वोटों के मामले में वह 14वें स्थान पर रही है। उसे 1.7 प्रतिशत वोट मिले हैं। द्रमुक को भी 1.7 प्रतिशत वोट मिले हैं, लेकिन उसे एक भी सीट नहीं मिली है। शिव सेना को 1.9 प्रतिशत वोट मिले हैं और उसने 18 सीटें जीती हैं। जबकि आम आदमी पार्टी को दो प्रतिशत वोट मिले हैं और उसे केवल चार सीटों पर सफलता मिली है। 1.6 प्रतिशत वोट के साथ राकांपा को छह सीटें मिली हैं।

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