पास किया ड्राइविंग टेस्ट, फिर भी लाइसेंस के लिए देनी पड़ी रिश्वत; शख्स ने बताया आरटीओ ऑफिस का हाल
बेंगलुरु के एक शख्स ने अपनी व्यथा सोशल मीडिया पर शेयर की। उसने बताया कि कैसे उससे बेंगलुरु क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में रिश्वत मांगी गई। शख्स ने बताया कि वह कस्तूरी नगर आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट के लिए गया था और उसने दावा किया कि उसने ड्राइविंग टेस्ट सफलतापूर्वक पास कर लिया लेकिन टेस्ट को पूरा करने के तुरंत बाद गेट पर एक व्यक्ति ने उससे 1000 रुपये मांगे।
डिजिटल डेस्क, बेंगलुरु। देश के परिवहन कार्यालयों अगर आप ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने गए होंगे तो आपने जरूर काफी समस्याओं का सामना किया होगा। सभी बड़ी समस्या ड्राइविंग टेस्क के दौरान आती है। क्योंकि लाइसेंस के लिए नौसिखिया ही जाते हैं जिनसे गलतीयां होती ही हैं। लेकिन सोचो आपको ड्राइविंग आती है और आपने टेस्ट भी पास कर लिया हो तो भी आपको रिश्वत देनी पड़ी तो कैसा लगेगा...
बेंगलुरु क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय में शख्स से मांगी गई रिश्वत
ऐसा हुआ है बेंगलुरु के रहने वाले एक शख्स के साथ उसने अपनी व्यथा सोशल मीडिया पर शेयर की। उसने बताया कि कैसे उससे बेंगलुरु क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) में रिश्वत मांगी गई और अनुभव उसने सोशल मीडिया पर शेयर किया।
टेस्ट को पूरा करने के तुरंत बाद गेट पर एक व्यक्ति ने उससे 1,000 रुपये मांगे
शख्स ने बताया कि वह कस्तूरी नगर आरटीओ में ड्राइविंग टेस्ट के लिए गया था और उसने दावा किया कि लाइसेंस के लिए लिया जाने वाला ड्राइविंग टेस्ट सफलतापूर्वक पास कर लिया लेकिन टेस्ट को पूरा करने के तुरंत बाद गेट पर एक व्यक्ति ने उससे 1,000 रुपये मांगे।लाइन में प्रतीक्षा कर रहे अन्य व्यक्तियों ने भी दिए रुपये
उसने आगे बताया कि वह ड्राइविंग टेस्ट पार करके आत्मविश्वास से भरा हुआ महसूस कर रहा था। लेकिन उसे बताया कि यह भुगतान लाइसेंस प्रक्रिया के लिए आवश्यक है। उस व्यक्ति ने लिखा कि लाइन में प्रतीक्षा कर रहे अन्य व्यक्तियों ने भी समान राशि का भुगतान किया था। उसने बताया कि यह काफी सामान्य लग रहा था यानी लोगों को देना ही देना है।
उसको कुछ संदेह हुआ कि यह पैसे किस एवज में मांगे जा रहे हैं तो उसने शुरू में रिश्वत का अनुरोध करने वाले व्यक्ति को बताया कि उसके पास नकदी नहीं है लेकिन वह व्यक्ति बोला कि राशि को फोनपे के माध्यम से भी दे सकता है। इसके बात ना चाहते हुए भी उसको पैसे देने पड़े। इसके बाद उस व्यक्ति ने प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए किसी से संपर्क किया।
बेंगलुरु निवासी ने खेद व्यक्त किया
अपने रेडिट पोस्ट में, बेंगलुरु निवासी ने खेद व्यक्त किया, काश उसने मांग का विरोध किया होता। उन्होंने लिखा कि मुझे नहीं पता कि मैं इसे क्यों टाइप कर रहा हूं, लेकिन काश मैं इसके लिए और अधिक खड़ा होता। उस समय, मैं सिर्फ अपने लाइसेंस के बारे में सोच रहा था।