-50 तापमान पर जमा रहा खून, +100 पर उबल रहा था अनीता का जुनून
पाल की तरफ से तो वह माउंट एवरेस्ट पर पहले ही विजय हासिल कर चुकी थी। इस तरह वह माउंट एवरेस्ट पर दोनों तरफ से तिरंगा फहराने वाली पहली महिला बन गई।
हिसार (अमित भारद्वाज)। डॉक्टर चेतावनी दे चुके थे। तुम्हारी जान भी जा सकती है। एक ग्रुप मेंबर की मौत भी हो चुकी थी। माइनस 50 डिग्री सेल्सियस तापमान पर खून जम रहा था, लेकिन हरियाणा की बेटी अनीता कुंडू का जुनून प्लस 100 डिग्री पर उबल रहा था। वह करने के लिए जो आज तक कोई महिला नहीं कर पाई थी। और जीत अनीता की हुई। पहाड़ जैसे हौसले के साथ उसने दुनिया के सबसे ऊंचे पहाड़ पर चीन की तरफ से तिरंगा फहरा दिया। नेपाल की तरफ से तो वह माउंट एवरेस्ट पर पहले ही विजय हासिल कर चुकी थी। इस तरह वह माउंट एवरेस्ट पर दोनों तरफ से तिरंगा फहराने वाली पहली महिला बन गई।
माउंट एवरेस्ट की ऊंचाई 8,850 मीटर (29,035 फीट) है। अपनी इस कामयाबी के बाद अनीता अब अपने घर हिसार लौट आई हैं। अपनी कामयाबी पर खुश हैं। होना ही चाहिए। लेकिन उन्हें इस बात का दुख भी है कि उनके लिए परिवार के सदस्य जैसा बन चुके आस्ट्रेलियाई युवक फ्रैंक की जान चली गई। अनीता के मुताबिक उस समय वे लोग 8500 मीटर की ऊंचाई पर थे। फ्रैंक ऑक्सीजन की कमी का शिकार हो गया। अनीता बताती हैं कि उसकी मौत के बाद मुझे गहरा सदमा लगा। लगभग घंटे भर सुबकती रही। सोचती रही। अब क्या करूं। फिर एक झटके से उठी। संकल्प लिया, अपने संकल्प को पूरा करने का। जब एवरेस्ट पर पहुंचकर तिरंगा फहराया तो आंखों में खुशी के आंसू थे।
तिरंगे को चूमा सलामी दी
वल्र्ड 14 पीक पर तिरंगे की चाह पहाड़ चढ़ी बेटी कुंडू ने बताया कि अगर सरकार या कोई निजी कंपनी मेरी आर्थिक मदद करे तो मैं सेवन समिट और वल्र्ड 14 पीक पर तिरंगा फहराना चाहती हूं। वल्र्ड 14 पीक में विश्व की वो 14 पर्वत चोटियां शामिल हैं, जिनकी ऊंचाई आठ हजार मीटर से ज्यादा है।
भारतीय डॉक्टर की सलाह आई काम
‘जब मैं 22 हजार फीट की ऊंचाई पर थी तो उस दौरान पानी की कमी से मुझे डिहाइड्रेशन हो गया। बीमार होने पर मुझे वापस 17 हजार फीट पर आना पड़ा। वहां पहुंचने पर मैंने वहीं एक डॉक्टर एक संपर्क किया तो उन्होंने मुझे सलाह दी कि मैं इस अभियान के वापस लौट आऊं। उन्होंने मुझसे कहा कि इस स्थिति में मेरी जान भी जा सकती है। मैंने भारत के ही एक जानकार डॉक्टर से संपर्क किया। उन्होंने सलाह दी और वही मैने अपनाई। करीब एक सप्ताह में मैं ठीक हो सकी।’
पिछला अनुभव भी आया काम
अनीता के मुताबिक वह 2015 में भी चीन की तरफ से एवरेस्ट चढ़ाई का प्रयास किया था, लेकिन भूकंप के कारण मुझे लौटना पड़ा था। इस बाद जब मैंने इसी तरफ से दोबारा चढ़ाई की तो मेरा पिछला अनुभव काफी काम आया।
सरकार बनाए पर्वतारोहियों के लिए पॉलिसी
अनीता कुंडू का कहना है कि देश में पर्वतारोहण को बढ़ावा देने के लिए सरकार को पर्वतारोहियों के लिए विशेष पॉलिसी बनानी चाहिए। प्रदेश सरकार की स्कूली बच्चों को पर्वतारोहण के लिए प्रोत्साहित करने की योजना को अनीता ने शुभ संकेत मानती हैं। इस उपलब्धि के लिए सम्मानित करने पर अनीता ने कहा कि वह चाहती है कि वह इसके लिए सरकार से मांग नहीं करेंगी। यदि सरकार की तरफ से ऐसी पहल होती है तो उसे आदरपूर्वक ग्रहण कर लेंगी।
-एवरेस्ट विजय करने वाली बेटी ने लिया था पहाड़ सा संकल्प
-डॉक्टरों ने जान जाने की चेतावनी दी पर संकल्प से नहीं डिगी
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