Patanjali case: 'शिकायतकर्ताओं को भी पक्षकार बनाएं रामदेव', सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने से किया इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने योग गुरु रामदेव से अपनी याचिका में उन शिकायतकर्ताओं को भी पक्षकार बनाने के लिए कहा जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ मामले दर्ज कराए हैं। रामदेव की याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस एमएम सुंदरेश और पीबी वराले की पीठ ने कहा कि रामदेव को राहत हासिल करने के लिए शिकायतकर्ताओं को भी पक्षकार बनाने की जरूरत है।
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को योग गुरु रामदेव से अपनी याचिका में उन शिकायतकर्ताओं को भी पक्षकार बनाने के लिए कहा, जिन्होंने कोरोना महामारी के दौरान एलोपैथिक दवाओं के खिलाफ टिप्पणियों को लेकर उनके खिलाफ मामले दर्ज कराए हैं। रामदेव ने शीर्ष अदालत में याचिका दायर कर आपराधिक कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की है।
पीठ ने क्या कहा?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आइएमए) के पटना और रायपुर केंद्र ने 2021 में शिकायत दर्ज कराई थी कि रामदेव की टिप्पणियों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका है। रामदेव की याचिका पर सुनवाई कर रही जस्टिस एमएम सुंदरेश और पीबी वराले की पीठ ने कहा कि रामदेव को राहत हासिल करने के लिए शिकायतकर्ताओं को भी पक्षकार बनाने की जरूरत है।
सेवा शुल्क का भुगतान करना होगा
पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को झटका देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अपीलीय न्यायाधिकरण के फैसले को बरकरार रखा कि योग शिविरों के आयोजन के लिए प्रवेश शुल्क लेने पर संस्थान को सेवा कर का भुगतान करना होगा।जस्टिस अभय एस ओका और उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने सीमा शुल्क, उत्पाद शुल्क और सेवा कर अपीलीय न्यायाधिकरण की इलाहाबाद पीठ के पांच अक्टूबर, 2023 के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।
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