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Patanjali case: बाबा रामदेव, बालकृष्ण आचार्य 'सार्वजनिक माफी' के लिए तैयार; 23 अप्रैल को होगी अगली सुनवाई

बाबा रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी बालकृष्ण आचार्य ने जनता से माफी मांगने का प्रस्ताव दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान पतंजलि की ओर से पेश हुए वकीलों ने जजों से कहा कि वो माफी मांगने के लिए तैयार हैं।वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के सामने अपनी दलील पेश की।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 16 Apr 2024 12:47 PM (IST)
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भ्रामक विज्ञापन देने के मामले में बाबा रामदेव ने सार्वजनिक माफी मांगने की बात कही है।(फोटो सोर्स: जागरण)
एएनआई, नई दिल्ली। Patanjali misleading advertisements case। भ्रामक विज्ञापन देने के मामले में गुरु रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड के एमडी बालकृष्ण आचार्य ने सार्वजनिक माफी मांगने का प्रस्ताव दिया है। सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर सुनवाई हुई। 

सुनवाई के दौरान पतंजलि की ओर से पेश हुए वकीलों ने जजों से कहा कि वो माफी मांगने के लिए तैयार हैं। वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी ने न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ के सामने अपनी दलील पेश की। कोर्ट ने कहा कि एक हफ्ते में बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अपनी गलती सुधारने के लिए कदम उठाएं।

अदालत का अनादर करने का कोई इरादा नहीं था: बाबा रामदेव

न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने उनकी माफी पर ध्यान दिया, लेकिन यह स्पष्ट कर दिया कि उन्हें सिर्फ मांगने की वजह से राहत नहीं दी जाएगी। पीठ ने बालकृष्ण से बातचीत करते हुए कहा, ''आप अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन आप एलोपैथी को नीचा नहीं दिखा सकते।

बाबा रामदेव ने भी पीठ से बातचीत करते हुए कहा कि उनका किसी भी तरह से अदालत के प्रति अनादर दिखाने का कोई इरादा नहीं था। हालांकि, पीठ ने बालकृष्ण से कहा कि वे (पतंजलि) इतने निर्दोष नहीं हैं कि उन्हें नहीं पता कि शीर्ष अदालत ने मामले में अपने पहले के आदेशों में क्या कहा था।

सुप्रीम कोर्ट में माफी मांग चुके हैं बाबा रामदेव

इससे पहले कोर्ट में सुनवाई के दौरान बाबा रामदेव ने कहा था कि जो भी हमसे भूल हुई, उसके लिए हम बिना शर्त माफी मांगते हैं। इस पर जस्टिस कोहली ने कहा कि जो आप प्रचार कर रहे हैं उसके बारे में क्या सोचा है। हमारे देश में तमाम पद्धतियां हैं। लेकिन दूसरी दवाईयां खराब हैं, ये क्यों? इसपर रामदेव ने कहा कि हम अदालत से क्षमा मांगते हैं। हमने पांच हजार रिसर्च किए और आयुर्वेद को एविडेंस बेस्ड तौर पर प्रस्तुत किया है।

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