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Patanjali Case: सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को सुनाई राहत भरी खबर, IMA चीफ को लगाई फटकार

Patanjali Case पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन के मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने कोर्ट ने आदेश की अवमानना के एक मामले में अदालत की दो सदस्यीय पीठ ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। अब बाबा रामदेव और बालकृष्ण को अदालत में पेश नहीं होना होगा। कोर्ट ने आगे की पेशी के लिए उन्हें छूट दे दी है। वहीं कोर्ट ने आईएमए चीफ को माफी न मांगने पर फटकार लगाई।

By Agency Edited By: Piyush Kumar Updated: Tue, 14 May 2024 12:51 PM (IST)
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पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव को राहत दी।(फोटो सोर्स: जागरण)

एएनआई, नई दिल्ली। Patanjali Case।  पतंजलि के भ्रामक विज्ञापन मामले में सर्वोच्च न्यायालय में आज सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान योग गुरु रामदेव उनके सहयोगी बालकृष्ण कोर्ट में मौजूद थे।

कोर्ट ने आदेश की अवमानना के एक मामले में न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने फैसले को सुरक्षित रख लिया है। अब बाबा रामदेव और बालकृष्ण को अदालत में पेश नहीं होना होगा। कोर्ट ने आगे की पेशी के लिए उन्हें छूट दे दी है।

कोर्ट ने आईएमए के अध्यक्ष को लगाई फटकार

वहीं, कोर्ट ने आईएमए यानी इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को भी फटकार लगाई। आईएमए चीफ आर वी अशोकन की तरफ से दिए गए इंटरव्यू पर सर्वोच्च न्यायालय ने नाराजगी जताई है। कोर्ट की नाराजगी पर आईएमए अध्यक्ष आर वी अशोकन ने शीर्ष अदालत से बिना शर्त माफी मांगी है।

दरअसल, पतंजलि की ओर से कोर्ट में पेश हुए वकील मुकुल रोहतगी ने कहा था कि आईएमए चीफ आर वी अशोकन ने सुप्रीम कोर्ट की आलोचना की है।

'अदालत की खिल्ली नहीं उड़ा सकते आईएमए चीफ'

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष आर वी अशोकन ने हाल ही में पीटीआई को दिए एक साक्षात्कार में शीर्ष अदालत के खिलाफ दिए गए अपने बयानों के लिए पीठ से बिना शर्त माफी मांगी, जहां उन्होंने पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापन मामले के बारे में सवालों के जवाब दिए।

न्यायमूर्ति कोहली ने अशोकन से कहा, "आप सोफे पर बैठकर प्रेस को साक्षात्कार नहीं दे सकते और अदालत की खिल्ली नहीं उड़ा सकते।"

14 उत्पादों को किया गया निलंबित: पतंजलि

उत्तराखंड राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण (एसएलए) ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड और दिव्य फार्मेसी के 14 उत्पादों के विनिर्माण लाइसेंस को "तत्काल प्रभाव से निलंबित" कर दिया गया है।

शीर्ष अदालत 2022 में आईएमए द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें पतंजलि द्वारा कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ बदनामी का अभियान चलाने का आरोप लगाया गया है।

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