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अंतिम समय क्यों बदला गया NEET PG का पैटर्न? सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और NBE से 7 दिन में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल बोर्ड आफ एजुकेशन (एनईबी) से सवाल किया कि अंतिम समय में नीट-पीजी 2024 का पैटर्न क्यों बदला गया। यह बहुत असामान्य था और छात्रों को निराशा हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को 27 सितंबर को सूचीबद्ध करते हुए बोर्ड और केंद्र सरकार से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।

By Agency Edited By: Shubhrangi Goyal Updated: Fri, 20 Sep 2024 06:37 PM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और NBE से मांगा जवाब

पीटीआई, क्रासर। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नेशनल बोर्ड आफ एजुकेशन (एनईबी) से सवाल किया कि अंतिम समय में नीट-पीजी 2024 का पैटर्न क्यों बदला गया। यह बहुत असामान्य था और छात्रों को निराशा हो सकती है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने मामले को 27 सितंबर को सूचीबद्ध करते हुए बोर्ड और केंद्र सरकार से एक हफ्ते के अंदर जवाब मांगा है।

कोर्ट में छात्रों की ओर से पेश वरिष्ठ वकील विभा दत्ता मखीजा और वकील तन्वी दुबे ने कहा कि यह मुद्दा 11 अगस्त को आयोजित नीट-पीजी के परीक्षा पैटर्न में अंतिम समय में बदलाव, अंकों के सामान्यीकरण, उत्तर कुंजी के प्रकटीकरण और प्रश्न पत्रों से संबंधित है।

'परीक्षा आयोजित करने के लिए नहीं है कोई नियम'

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि न ही कोई नियम थे और न ही इस पर स्पष्टता और परीक्षा से तीन दिन पहले ही परीक्षा को दो भागों में कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यह तय करने के लिए कोई नियम नहीं हैं कि परीक्षा कैसे आयोजित की जानी है।

'कुछ भी नया और असामान्य नहीं किया'

सब कुछ केवल एक सूचना बुलेटिन पर निर्भर था और इसे अधिकारियों की इच्छानुसार कभी भी संशोधित किया जा सकता था। हालांकि, एनबीई के वकील की तरफ से इसका विरोध करते हुए कहा गया कि कुछ भी नया और असामान्य नहीं किया गया।

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