'संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को सभी धर्मों का करना चाहिए सम्मान', कानून मंत्री की नेताओं से अपील
केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 17 सितंबर (रविवार) को नेताओं से अपील की। केंद्रीय मंत्री राम मेघवाल ने कहा कि किसी धर्म का अपमान करना संविधान का अपमान करने जैसा है। उन्होंने कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या वे केसी वेणुगोपाल कार्ति चिदंबरम और प्रियांक खड़गे के बयानों से सहमत हैं?
नई दिल्ली, एएनआइ। सनातन धर्म विवाद पर बयानों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की 'सनातन धर्म' पर विवादास्पद टिप्पणी करने के बाद से राजनीतिक बहस छिड़ी हुई है। इसी कड़ी में केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने 17 सितंबर (रविवार) को नेताओं से अपील की।
क्या कहा राम मेघवाल ने ?
केंद्रीय मंत्री राम मेघवाल ने कहा कि किसी धर्म का अपमान करना संविधान का अपमान करने जैसा है। उन्होंने नेताओं से अपील करते हुए कहा कि संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। भाजपा नेता मेघवाल ने विपक्ष से सवाल पूछते हुए कहा, हम उनसे पूछना चाहते हैं कि क्या वे केसी वेणुगोपाल, कार्ति चिदंबरम और प्रियांक खड़गे के बयानों से सहमत हैं?... संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों को सभी धर्मों का सम्मान करना चाहिए। 'सनातन धर्म' का अपमान क्यों?इसका मतलब है कि वे संविधान के भी खिलाफ हैं।
उदयनिधि स्टालिन के बयान पर मचा हंगामा
हाल ही में डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन के एक बयान से हंगामा मच गया, जब उन्होंने आरोप लगाया कि सनातन धर्म सामाजिक न्याय के खिलाफ है और इसे खत्म किया जाना चाहिए। आपको मालूम हो कि 2 सितंबर को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस, मलेरिया और डेंगू से करते हुए यह कह डाला था कि ऐसी चीजों का विरोध नहीं बल्कि उन्हें नष्ट कर देना चाहिए।
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सनातन धर्म पर उदयनिधि की इस टिप्पणी के बाद से पूरे देश में बड़े पैमाने पर विवाद खड़ा हो गया। कई बीजेपी नेताओं और हिंदू पुजारियों की इसके बाद तीखी प्रतिक्रिया आने लगी सभी ने उदयनिधि के बयान की कड़ी आलोचना की है। वहीं, बीजेपी ने एमके स्टालिन के बेटे से माफी की मांग की है।