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Israel-Hamas War: दो राष्ट्र सिद्धांत से इजरायल-फलस्तीन विवाद का स्थाई समाधान, भारत ने वैश्विक मंचों से दी सलाह

India on Israel-Hamas War ब्रिक्स की बैठक व टू प्लस टू वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे को भी उठाया व कहा कि इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता लेकिन साथ ही दो राष्ट्र सिद्धांत को जरूरी बताया। साफ है कि इस बारे में भारत सरकार की दशकों पुरानी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।

By Jagran NewsEdited By: Babli KumariUpdated: Tue, 21 Nov 2023 10:11 PM (IST)
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इजरायल व फलस्तीन के बीच दशकों पुराना विवाद (जागरण ग्राफिक्स)

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। इजरायल व फलस्तीन के बीच दशकों पुराने विवाद को सुलझाने के लिए भारत ने एक साथ तीन वैश्विक मंचों पर कहा है कि इस विवाद के स्थाई समाधान के लिए दो राष्ट्र सिद्धांत ही विकल्प है। पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में और उसके बाद आस्ट्रेलिया-भारत टू प्लस टू वार्ता में और फिर देर शाम ब्रिक्स संगठन की तरफ से पश्चिम एशिया विवाद पर बुलाइ गई विशेष बैठक में भारत ने दो राष्ट्र सिद्धांत को अपनाने पर जोर दिया।

ब्रिक्स की बैठक व टू प्लस टू वार्ता में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आतंकवाद के मुद्दे को भी उठाया व कहा कि इस पर कोई समझौता नहीं हो सकता लेकिन साथ ही दो राष्ट्र सिद्धांत को जरूरी बताया। साफ है कि इस बारे में भारत सरकार की दशकों पुरानी नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।

भारत के इस मत को आस्ट्रेलिया व दूसरे देशों का भी समर्थन मिला हुआ है। ब्रिक्स के अगुवाई में 21 नवंबर, 2023 को पश्चिम एशिया की स्थिति पर हुई वर्चुअल बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन, ब्राजील के राष्ट्रपति लुला डा सिल्वा, दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सी. रामफोसा के अलावा संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरस, सउदी अरब, अर्जेंटीना, मिस्त्र, इथियोपिया, ईरान के शीर्ष नेताओं ने हिस्सा लिया।

चीन ने फलस्तीन को पूरी मदद करने का दिया आश्वासन 

भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया। इस बैठक को चीन की तरफ से पश्चिम एशिया की समस्या के समाधान की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। चीन ने फलस्तीन को पूरी मदद करने का आश्वासन दिया है, जिसे अमेरिका, ब्रिटेन जैसे इजरायल के समर्थक देशों को एक संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। ब्रिक्स में सिर्फ भारत है जो इजरायल का एक बड़ा रणनीतिक साझेदार देश है लेकिन भारत फलस्तीन नागरिकों के हितों के साथ भी खड़ा रहता है।

जयशंकर ने इस बैठक में कहा कि पश्चिम एशिया की स्थिति बहुत ही चिंताजनक है। इजरायल और हमास के बीच विवाद से मानवीय स्थिति बहुत ज्यादा बिगड़ चुकी है। भारत इस क्षेत्र में तनाव को घटाने की हर कोशिश का स्वागत करता है। सभी पक्षों को गाजा पट्टी के लोगों तक राहत सामग्री पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए।

फलस्तीन की समस्या का समाधान दो राष्ट्रों के सिद्धांत का पालन करना

भारतीय विदेश मंत्री ने पूरे क्षेत्र में मानवीय कानूनों का पालन करने का स्वागत करता है और बंधकों की रिहाई की मांग करता है। जयशंकर ने स्पष्ट किया कि भारत आंतकवाद के किसी भी घटना का समर्थन नहीं करता और दूसरे देशों को भी आतंकवाद पर कोई समझौता नहीं करना चाहिए। फलस्तीन की समस्या का समाधान दो राष्ट्रों के सिद्धांत का पालन करना ही है। इसके पहले आस्ट्रेलिया और भारत के विदेश व रक्षा मंत्रियों के बीच 'टू प्लस टू वार्ता' में पश्चिम एशिया का मुद्दा उठा और दोनों पक्ष इस बात को लेकर सहमत हुए कि दो राष्ट्र सिद्धांत का पालन (इजरायल के साथ फलस्तीनी नागरिकों के लिए भी एक स्वतंत्र राष्ट्र का गठन) ही इसका स्थाई समाधान है।

जयशंकर व आस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेनी वोंग ने इजरायल पर हुए आतंकी हमले की भ‌र्त्सना करते हुए गाजा पट्टी में अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानूनों के पालन की आवश्यकता जताई। जयशंकर ने कहा कि फलस्तीनी नागरिकों के अधिकार व भविष्य से जुड़े मुद्दे का समाधान निकलना चाहिए। भारत समेत कई देश यह समझते हैं कि दो राष्ट्र सिद्धांत से ही यह संभव है।