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Lakshadweep Travel: लक्षद्वीप जाने के लिए जरूरी है परमिट, इन डॉक्यूमेंट के बिना नहीं होगी एंट्री; जानिए पूरी डिटेल

Lakshadweep Travel भारत में कहीं भी घूमने के लिए आपका वहां जाने का मूड होना जरूरी है। लेकिन भारत के लक्षद्वीप जाने का फैसला आप सिर्फ अपने मूड से नहीं कर सकते भले ही आप भारतीय नागरिक हों। आप लक्षद्वीप के निवासी नहीं हैं तो आपको परमिट लेने की जरूरत पड़ेगी। जानिए कैसे आप लक्षद्वीप के परमिट के लिए अप्लाई कर सकते हैं।

By Babli Kumari Edited By: Babli Kumari Updated: Wed, 10 Jan 2024 12:03 AM (IST)
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भारतीयों को लक्षद्वीप द्वीपों की यात्रा के लिए परमिट की आवश्यकता (फाइल फोटो)
जागरण डिजिटल, नई दिल्ली। Lakshadweep Travel: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले हफ्ते भारत के सबसे छोटे केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप का दौरा किया। यह दौरा एक देश के प्रधानमंत्री द्वारा देश के भीतर की गई एक आम दौरे की तरह ही थी, जबतक पीएम मोदी ने देशवासियों को लक्षद्वीप की सुंदरता से परिचय नहीं कराया था। जैसे ही पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर अपने लक्षद्वीप दौरे की कुछ तस्वीरें साझा की वैसे ही यह छोटा द्वीप पीएम की यात्रा के बाद सुर्खियों में आ गया।

पीएम मोदी के इस दौरे से सबसे ज्यादा मिर्ची लक्षद्वीप का प्रतिद्वंदी टूरिस्ट प्लेस माने जाने वाला मालदीव को लगा। मालदीव के सरकार को पीएम मोदी की यह यात्रा कतई अच्छी नहीं लगी और इस बात पर उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी कर डाली। बस फिर क्या था भारत के आम लोगों से लेकर दिग्गज हस्तियां भी पीएम और अपने देश के सपोर्ट में खड़े नजर आए। सभी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लक्षद्वीप की सुंदरता का बखान किया और सब ने मिलकर लोगों से मालदीव न जाकर लक्षद्वीप जाने की बात कही। इस तरह लक्षद्वीप पिछले कुछ दिनों से गूगल सर्च पर भी ट्रेंड कर रहा है।

पीएम मोदी ने लक्षद्वीप की खूबसूरत तस्वीरें कीं पोस्ट 

पीएम मोदी ने लक्षद्वीप के शांत आकर्षण की प्रशंसा की। उन्होंने माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर समुद्र के भीतर अपनी खोज की तस्वीरें पोस्ट कीं और अरब सागर में स्थित द्वीपों के अपने "रोमांचक अनुभव" को भी साझा किया। उन्होंने पोस्ट पर लिखा, "उन लोगों के लिए जो अपने अंदर के रोमांच को जानना चाहते हैं, उन्हें कहीं जाने के दौरान लक्षद्वीप को अपनी लिस्ट में जरूर रखना चाहिए। मैंने स्नॉर्कलिंग की भी कोशिश की - यह बेहद रोमांचक अनुभव था।"

लेकिन, क्या आप जानते हैं कि भारतीयों को भी लक्षद्वीप में प्रवेश करने के लिए परमिट की आवश्यकता होती है।

लक्षद्वीप में परमिट लेने के पीछे क्या है वजह?

2011 की जनगणना के अनुसार, लक्षद्वीप की आबादी 64429 लोगों की है। 93% से अधिक आबादी लक्षद्वीप के मूल निवासी है। लोगों का मुख्य व्यवसाय मछली पकड़ना, नारियल की खेती करना है। पर्यटन वहां का एक उभरता हुआ उद्योग है। नियमों के मुताबिक, हर उस व्यक्ति को लक्षद्वीप में एंट्री करने के लिए परमिट लेना होगा, जो लक्षद्वीप का मूल निवासी नहीं है। लक्षद्वीप पर्यटन वेबसाइट के अनुसार, इसका कारण वहां रहने वाली अनुसूचित जनजातियों की रक्षा करना है। यह परमिट भारतीय नागरिकों और विदेशी पर्यटकों पर समान रूप से लागू होता है।

परमिट के लिए कैसे करें आवेदन?

  • आप लक्षद्वीप के परमिट के लिए दो तरीकों से अप्लाइ कर सकते हैं। एक है ऑनलाइन दूसरा है ऑफलाइन।
  • ऑनलाइन आवेदन करते समय सबसे पहले आपको ePermit पोर्टल (https://epermit.utl.gov.in/pages/signup) पर जाना होगा। पोर्टल पर आपको एक खाता बनाना होगा और आवश्यक डिटेल्स के साथ फॉर्म भरना होगा।
  • द्वीप और यात्रा की तारीखें आपको चुनना होगा और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करना होगा। साथ ही फीस का भुगतान भी करना होगा।
  • इस प्रक्रिया के बाद आपको ई-मेल के माध्यम से यात्रा से 15 दिन पहले आपका परमिट आपको ईमेल कर दिया जाएगा।
  • ऑफ़लाइन के लिए लक्षद्वीप प्रशासन की वेबसाइट (http://www.lakshadweeptourism.com/contact.html) से आवेदन पत्र डाउनलोड करें या कवरत्ती में जिला कलेक्टर के कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं।
  • विवरण भरने और दस्तावेज संलग्न करने के बाद, उन्हें कलेक्टर कार्यालय में जमा करना होगा। दूसरी प्रक्रिया में अधिक समय लग सकता है।

किन आवश्यक दस्तावेजों की होगी जरूरत?

एक पासपोर्ट साइज फोटो

एक वैध आईडी प्रमाण की एक फोटोकॉपी (आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र, ड्राइवर का लाइसेंस आदि)

यात्रा का प्रमाण (उड़ान टिकट या नाव आरक्षण विवरण)

होटल बुकिंग की पुष्टि (यदि किसी रिसॉर्ट में रह रहे हैं) होना बहुत जरूरी है।

किसे मिलती है इस परमिट से छूट?

लैकाडिव, मिनिकॉय और अमीनदीवी द्वीप समूह (प्रवेश और निवास पर प्रतिबंध) नियम, 1967 के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति, जो इन द्वीपों का मूल निवासी नहीं है, को प्रवेश के लिए परमिट लेना अनिवार्य है। केवल इन द्वीपों पर काम करने वाले या आने वाले सरकारी अधिकारियों और सशस्त्र बलों के सदस्यों और उनके परिवार के सदस्यों को इससे छूट दी गई है।

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