Peace Agreement: चुनावी परिणाम से पहले बदला पाक का स्टैंड! विदेश मंत्रालय ने कहा- बदला नजर आ रहा पाकिस्तान का नजरिया
पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने यह स्वीकार किया है कि वर्ष 1999 में भारत के साथ शांति समझौता तोड़ना पाकिस्तान की गलती रही है। अब भारत ने इसे वास्तविकता पर आधारित नजरिया करार दिया है। ऐसे में दोनों तरफ से आ रही प्रतिक्रियाओं को भविष्य में रिश्तों में सुधार करने की नई कोशिशों की तरफ संकेत कर रहा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। क्या जून में भारत में नई सरकार के गठन के बाद पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ रिश्तों को सुधारने को लेकर कुछ प्रयास हो सकते हैं? यह सवाल इसलिए उठा है कि एक दिन पहले पाकिस्तान के पूर्व पीएम नवाज शरीफ ने यह स्वीकार किया है कि वर्ष 1999 में भारत के साथ शांति समझौता तोड़ना पाकिस्तान की गलती रही है। अब भारत ने इसे वास्तविकता पर आधारित नजरिया करार दिया है।
पाकिस्तान में हाल ही में नई सरकार गठित हुई है और अब भारत में भी नई सरकार का कार्यकाल अगले महीने शुरू होगा। ऐसे में दोनों तरफ से आ रही प्रतिक्रियाओं को भविष्य में रिश्तों में सुधार करने की नई कोशिशों की तरफ संकेत कर रहा है।
नवाज शरीफ के बयान पर विदेश मंत्रालय ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से पूर्व पीएम शरीफ की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उनका जवाब था कि, “इस मुद्दे पर (पाकिस्तान के साथ पूर्व में किये गये शांति समझौते) पर आपको हमारी राय मालूम है। हम देख रहे हैं कि पाकिस्तान में भी, वास्तविकता पर आधारित नजरिया सामने आ रहा है।''
शरीफ ने मानी पाकिस्तान की गलती
इसके पहले शरीफ ने यह कहा था कि, “जब पाकिस्तान ने भारत के जवाब में पांच न्यूक्लियर परीक्षण कर लिए तब भारत के तत्कालीन पीएम अटल बिहारी वाजपेयी साहब यहां आए और हमने शांति समझौता किया, लेकिन हमने इसका उल्लंघन कर दिया। यह हमारी गलती थी। शरीफ का यह बयान पाकिस्तान के मशहूर समाचार पत्र द डॉन में प्रकाशित हुआ है।
कारगिल युद्ध से खराब हुए रिश्ते
शरीफ का इशारा पूर्व भारतीय पीएम वाजपेयी की तरफ से दिल्ली से लाहौर की यात्रा बस से करने और उसके बाद कारगिल में पाकिस्तानी सेना की घुसपैठ से था। वाजपेयी की लाहौर बस यात्रा से रिश्तों में सुधार की बातें होने लगी थी। लेकिन कारगिल युद्ध से रिश्ते काफी खराब हो गये।
क्या शरीफ को थी पाक सेना की घुसपैठ की जानकारी
शरीफ ने पहले भी कई बार यह कहा है कि कारगिल में पाक सेना की घुसपैठ की उनको कोई जानकारी नहीं थी। इसकी पूरी साजिश पाक सेना के पूर्व सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ ने रची थी। शरीफ ने एक बार यह भी कहा था कि उन्हें कारगिल घुसपैठ की जानकारी भारतीय पीएम वाजपेयी ने ही फोन पर दी थी। बाद में जब भी शरीफ ने सत्ता संभाली तो भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की कोशिश की गई है।
पीएम मोदी ने पूर्व पाक पीएम को किया था आमंत्रित
वर्ष 2014 में पीएम मोदी ने अपनी पहली शपथ समारोह में अन्य नेताओं के साथ शरीफ को भी आमंत्रित किया था। बाद में मोदी ने अचानक ही शरीफ के घर में आयोजित एक शादी समारोह में भी हिस्सा लेने पहुंच गये थे। लेकिन उसके बाद पठानकोट हमले के बाद भारत को अपनी रणनीति बदलनी पड़ी। मौजूदा पीएम शाहबाज शरीफ ने भी भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की बात कही है। शहबाज शरीफ नवाज शरीफ के छोटे भाई हैं।
पाकिस्तान के साथ रिश्तों पर क्या बोले जयशंकर
पाकिस्तान के कई उद्योग जगत की तरफ से भी भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की बात हो रही है। कुछ दिन पहले दैनिक जागरण के साथ साक्षात्कार में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को लेकर कहा था कि, “हमारे लिए सीमा पार आतंकवाद एक बड़ा मुद्दा है। अगर भारत के साथ रिश्तों को सुधारना है तो पाकिस्तान को उन मुद्दों को देखना होगा जो भारत उठाता रहा है।''
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