'सुप्रीम कोर्ट की इमारत को 'ध्वस्त' न करें...' SC भवन के विध्वंस के खिलाफ याचिका दायर; केंद्र सरकार से की ये मांग
सर्वोच्च न्यायालय (Supreme Court building) में एक याचिका दायर कर केंद्र सरकार और शीर्ष अदालत की रजिस्ट्री को निर्देश देने की मांग की गई है कि वे सर्वोच्च न्यायालय की इमारत को ध्वस्त न करें और इसके बजाय किसी अन्य स्थान पर एक नई इमारत बनाएं।याचिकाकर्ता केके रमेश ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट भवन को ध्वस्त करने के बजाय किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग करने की आवश्यकता है।
नई दिल्ली, आइएएनएस। सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर केंद्र सरकार और शीर्ष अदालत रजिस्ट्री को सुप्रीम कोर्ट की इमारत को 'ध्वस्त' नहीं किए जाने का निर्देश जारी करने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट भवन भारत की आजादी के बाद निर्मित महत्वपूर्ण स्मारक भवनों में से एक है।
याचिकाकर्ता की मांग
याचिकाकर्ता केके रमेश ने तर्क दिया कि सुप्रीम कोर्ट भवन को ध्वस्त करने के बजाय किसी अन्य उद्देश्य के लिए उपयोग करने की आवश्यकता है। रमेश ने जनहित याचिका में कहा है कि वर्तमान में शीर्ष अदालत में 17 कोर्ट रूम और दो रजिस्ट्रार कोर्ट रूम हैं और केंद्र पूरी इमारत को ध्वस्त करने जा रहा है। ऐसे में चार रजिस्ट्रार कोर्ट रूम के साथ 27 कोर्ट रूम के पुनर्निर्माण पर 800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट भवन का नया डिजाइन जारी नहीं किया
तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और सभ्यता के कारण सुप्रीम कोर्ट में मामलों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। ऐसे में 10 साल बाद चार रजिस्ट्रार कोर्ट रूम के साथ 27 कोर्ट रूम बनाने से 10 साल बाद कोई मदद नहीं मिलेगी। इसके अलावा याचिका में कहा गया कि केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट भवन का नया डिजाइन जारी नहीं किया है और नए भवन डिजाइन के बारे में आम लोगों और बार एसोसिएशन से चर्चा भी नहीं की है।